Friday, March 30, 2012

बाल श्रम अधिनियम की उड़ रही धज्जियां

अररिया : बाल श्रम पर रोक के लिए सरकार लगातार संकल्प व्यक्त कर रही है लेकिन यहां अधिकारियों के समक्ष ही बाल श्रम अधिनियम की धज्जियां उड़ रही है। आज भी शहर के अधिकांश चाय, दुकान, होटलों में बाल मजदूरों को आसानी से देखा जा सकता है। परंतु यहां तो अधिकारियों की आंखों के सामने भी बाल श्रम अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जाती है, परंतु किसी की नजर उस पर नही पड़ रही है। दरअसल पीडब्लूडी कार्यालय परिसर व आसपास के क्षेत्र में महीनों से चहारदिवारी निर्माण का कार्य चल रहा है। इस चहारदिवारी निर्माण कार्य में टुनटुन सैफउद्दीन, मो. दुलाल जैसे आधा दर्जन से अधिक बाल मजदूर काम कर रहे हैं। वह भी काफी कम मजदूरी पर। पूछने पर बताते हैं कि सुबह 8 बजे से शाम पांच-छह बजे तक काम के बदले एक सौ तीस रुपया ही मिलता है। चारदिवारी कार्य में लगे बाल मजदूरों ने बताया कि किसी दिलीप नामक मैनेजर से उन्हें मजदूरी मिलती है। जबकि सभी वरीय अधिकारियों का आवास 100 मीटर के दायरे में ही है। फिर भी उन नन्हें मुन्हे बच्चों पर किसी की क्यों नहीं नजर पड़ती? यह सवाल आम लोगों की जुबां पर है।

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