अररिया : मधु सेहत ही नहीं, किसानों की आमदनी भी बढ़ायेगा। अररिया जैसे पिछड़े जिले में मधुमक्खी पालन रोजगार का एक प्रमुख साधन बनने वाला है। अररिया में पहली बार मधु पालन योजना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला बागवानी विकास समिति ने प्रशिक्षित किसानों के बीच अनुदानित दर पर 300 बक्से का वितरण किया है। जिससे मधु का व्यवसायिक उत्पादन संभव हो सकेगा।
जिले में मधुपालन को कुटीर उद्योग का रूप देने के लिए विभाग ने कमर कस ली है। सरकार भी इसके लिए भरपूर सहयोग दे रही है।
प्रथम फेज में कृषि महा विद्यालय पूसा एवं कृषि विज्ञान केन्द्र अररिया से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके किसानों के बीच मधुमक्खी बक्से का वितरण किया गया है। जिससे सरसों, लीची, सूर्यमुखी, सहजन आदि फसलों से अलग-अलग वेरायटी के मधु तैयार होंगे। ये मधु साधारण मधु की अपेक्षा अधिक शुद्ध व पौष्टिक भी होंगे। बाजार में इस मधु की अच्छी कीमत भी मिलेगी। जिससे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा। जिला उद्यान कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिला कृषि पदाधिकारी नईम अशरफ व जिला उद्यान पदाधिकारी अनिल कुमार यादव ने प्रशिक्षित नौ मधुमक्खी पालकों के बीच तीन सौ बक्से का वितरण किया है। विभाग ने उन बक्सों पर 90 प्रतिशत अनुदान दिया है। अररिया के जिन किसानों को बक्सा मिला है उनमें कुआड़ी-कुर्साकांटा के कैलाश कुमार राय को 50 बक्सा, बरबन्ना, रानीगंज के राजेन्द्र प्रसाद साह को 50 बक्सा, हांसा रानीगंज के संजय कुमार मंडल को 50 बक्सा, करहबाड़ी, सिकटी के ज्ञानेन्द्र कुमार मंडल को 50 बक्सा, खुटहा, बैजनाथपुर भरगामा के हरिमोहन झा को 10 बक्सा, हांसा, रानीगंज के पंकज कुमार झा को 20 बक्सा, पहुंसरा के मनोज कुमार को शर्मा को 10 बक्सा, भिट्टा, खरसाही के शिवानंद मेहता को 10 बक्सा तथा मधुरा, उत्तर नरपतगंज के सुरेश कुमार गुप्ता को 50 बक्सा प्राप्त हुआ है। ये किसान मधु पालन कर सेहत के साथ साथ अपनी आमदनी भी बढ़ायेंगे। दूसरे फेज में और अधिक किसानों को इस योजना से जोड़े जाने का प्लान है।
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