अररिया : एक ओर कमरतोड़ महंगाई से आम लोग परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर सब्जी के बढ़े मूल्य ने आम लोगों की कमरतोड़ कर रख दी है। इस महंगाई से एक आम आदमी के बजट को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। महंगाई के चलते बाजारों से सब्जी खरीदना मानों एक सपना बनकर रह गया है। किचेन और आम लोगों के थालियों से सब्जियां लगभग गायब हो चुकी है। सब्जी खरीदना तो दूर सब्जी की दुकान की ओर देखने से ही डर लगता है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष लगभग दुगने दामों पर सब्जियां बेची जा रही है। पिछले वर्ष इसी समय परवल 15 रूपये किग्रा था जबकि इस वर्ष 30-40 रूपये किलो बिक रहा है। भिंडी पिछले वर्ष 20 रूपये था इस वर्ष अभी 40-45 रूपये किलो बिक रहा है। इसी प्रकार टमाटर 20 रूपये, खीरा दस रूपये, शिमला मिर्च 80 रूपये, करैला 30 रूपये, कद्दु 15 से 20 रूपये पीस बिक रहा है। आजाद नगर निवासी साजिद अनवर एवं शमशेर आलम ने बताया कि महंगाई के कारण हम लोग सब्जी नहीं खरीद पाते हैं। एक किलो की जगह दो से ढाई सौ ग्राम सब्जी से ही काम चलाना पड़ता है। सब्जी विक्रेता मनोज जायसवाल ने बताया कि महंगे दामों पर सब्जी खरीदने के कारण बढ़े हुए दामों पर बेचना मजबूरी है। महंगे दामों के कारण अब दुकान में ग्राहकों की भी कमी हो गयी है। पूरा व्यवसाय मंदी के दौर से गुजर रहा है।
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