अररिया : तेरह साल पहले नरपतगंज के मृदौल गांव में फसल लूट की घटना हुई थी, जिसमें दो बीघा खेत में लगी धान की फसल को कई लोगों ने मिलकर लूट लिया था। लूटी गई फसल की कीमत दस हजार रुपये आंकी गयी थी। लेकिन इस मामले का अब तक केस का निपटारा नहीं हो पाया है। ग्यारह लोग 13 साल से केस लड़ रहे हैं। करीब तीन वर्ष से अदालत में यह मामला साक्ष्य पर है। लेकिन मामले के अनुसंधानकर्ता व चिकित्सक सूचना निर्गत होने के बाद भी गवाही देने अदालत नही पहुंच रहे हैं।
मृदौल गांव के शंभूनाथ मिश्र की दो बीघा खेत में धान लगी थी। 15 जनवरी 98 को उसी गांव के कई लोगों ने तीन धनुष, भाला, फरसा, लाठी व आग्नेयास्त्र के साथ खेत पर धावा बोल दिया तथा खेत में लगी धान फसल को जबरन लेकर चले गये। इस घटना को लेकर नरपतगंज थाने में पीड़ित श्री मिश्रा ने कांड संख्या 215/98 दर्ज कराया। उसी गांव के अमर लाल ऋषिदेव, शिव ऋषिदेव, श्री लाल ऋषिदेव, चौठी ऋषिदेव, रामेश्वर, परमेश्वरी, उपेन्द्र, रामानंद, धुनाय, विनोद ऋषिदेव आदि ग्यारह नामजद तथा 30-40 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हुई। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर चौठी व परमेश्वरी गिरफ्तार हुये। जेल से निकलने के बाद चौठी ऋषिदेव फिर कोर्ट नही आया। इस कारण अदालत ने उसे फरार घोषित कर दिया।
अदालत ने मामले को त्वरित निष्पादन को लेकर पहल की तथा 21 जुलाई 09 से वाद को साक्ष्य के लिये रख दिया गया। अररिया के न्यायिक दंडाधिकारी ब्रजेश मणि त्रिपाठी के कोर्ट में यह मामला जीआर 1956/98 के तहत लंबित है। तीन वर्ष से गवाही के लिये रखे इस मामले में अब तक मात्र एक गवाह ललन ठाकुर की ही गवाही हो पायी है। जबकि अनुसंधान कर्ता सअनि पुलकित बैठा, चिकित्सक डा. एलके ठाकुर, पुलिस अधिकारी राम बालक प्रसाद एवं एम. मिस्त्री समेत कुल नौ महत्वपूर्ण गवाह इस वाद में हैं, जिनकी गवाहियां होनी हैं। करीब तेरह वर्ष से लंबित इस मामले में 137 से अधिक तिथियां मुकर्रर की गयी। वहीं सिर्फ गवाही के लिये ही करीब दो दर्जन तारीखें पड़ी हैं।
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