अररिया : उद्यान निदेशालय बिहार के राज्य बागवानी मिशन के तत्वावधान में संचालित होने वाले बगीचा बचाओ अभियान 2012-13 क तहत जिले के दस या अधिक पेड़ों वाले बगीचों का सरकारी सहयोग से जीर्णोद्धार किया जायेगा। यह जानकारी जिला उद्यान पदाधिकारी अनिल कुमार यादव ने सोमवार को दी।
उन्होंने बताया कि आम, लीची एवं अमरूद के वैसे बगीचों, जिनमें कम से कम दस पेड़ हैं, का जिले भर में पंचायत कृषि सलाहकार द्वारा सर्वेक्षण कराकर उस पर शीघ्र काम शुरू होगा। इस अभियान के तहत पुराने व बुढ़े वृक्ष को भी बचाने की योजना है। कृषक द्वारा फलदार वृक्ष लगाने के पश्चात उसकी निकाई, गुड़ाई, पोषक तत्व एवं कीटनाशक पर ध्यान नही देने के कारण बगीचे बेकार व पेड़ सूखते जा रहे हैं। वृक्ष की टहनियां रेला ग्रसित होकर सुख जाती है। नियमित निकाई, गुड़ाई के अभाव में मिट्टी की जल धारण क्षमता कम होती जा रही है। जिसके कारण मिट्टी में नमी की दिन प्रतिदिन कमी होती जा रही है। इन्हीं उद्देश्यों को लेकर राज्य बागवानी मिशन बगीचा बचाओ अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत बगीचा के मिट्टी के कड़े सतह की जुताई कर हल्का करना, वृक्ष की कीटों से सुरक्षा करना, विशिष्ट गुणवत्ता वाले अधिक उम्र वाले वृक्षों के प्रभेदों की गणना एवं रक्षा किया जाना है। इस योजना के तहत बगीचे की जुताई, वृक्ष की पोताई एवं रिसोर्स मैपिंग किया जायेगा। बगीचा के जुताई का अनुदान प्राप्त हेक्टेयर एक हजार रुपये निर्धारित किए गए हैं। साथ ही बगीचों के बीच में कंद मूल फसल जैसे हल्दी, अदरख एवं ओल लगाने के लिए प्रति एकड़ आठ हजार रुपया अनुदान देने का प्रावधान है। बगीचा बचाओ अभियान के तहत राज्य भर जिलों का अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित है। अररिया जिलों में आंकड़े के मुताबिक आम, लीची एवं अमरूद का फिजिकल लक्षण निर्धारित है। जिसमें आम का क्षेत्रफल 483 हेक्टेयर, अमरूद का 198 हेक्टेयर एवं लीची का 406 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है। जिसके लिए पंचायत सर्वेक्षण कार्य जल्द प्रारंभ होने जा रहा है। बगीचा बचाओ अभियान को लेकर जिले को कृषक एवं बगीचा मालिकों में खुशी है। सरकार के इस पहल की सराहना किसानों ने की है।
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