Monday, June 11, 2012

पुराने बीआरपी व सीआरसीसी को हाईकोर्ट का झटका


जोकीहाट(अररिया)  हाईकोर्ट न्यायमूर्ति जयनंदन सिंह ने प्राथमिक व मध्य विद्यालय स्तर पर बीआरसी व संकुलों में कार्यरत पुराने बीआरपी व सीआरसीसी को पद पर बहाल रखने संबंधी छह विभिन्न याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही नवचयनित बीआरपी व सीआरसीसी को जिम्मेदारी संभालने का रास्ता साफ हो गया है।
नवचयनित बीआरपी व सीआरसीसी के चयन के खिलाफ हाईकोर्ट में छह याचिकाएं दायर की गयी थी। सीडब्लूजेसी नंबर 450/12,681 /12,1649,2032,2918 एवं 2575 में याचिकाकर्ताओं ने बिहार शिक्षा परियोजना के डायरेक्टर के पत्र संख्या 8261/11 के आधार पर पुराने बीआरपी और सीआरसीसी को बहाल रखने का वाद दायर किया था। लेकिन न्यायमूर्ति जयनंदन सिंह ने बिहार शिक्षा परियोजना के नियमों का हवाला देते हुए अपने फैसले में कहा कि बीआरपी और सीआरसीसी का चयन लगातार दो बार नहीं हो सकता है। न्यायालय के फैसले के दौरान आदेशानुसार बिहार शिक्षा परियोजना के एपीओ ने ऐसे बीआरपी और सीआरसीसी जो अपना तीन साल पूरा नहीं किया है उसे नहीं हटाये जाने संबंधी हलफनामा दायर किया। न्यायालय के फैसले से जहां पुराने बीआरपी और सीआरसीसी को झटका लगा वहीं जिले में नये बीआरपी व सीआरसीसी के पद पर बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है। नवचयनित बीआरपी और सीआरसीसी ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए खुशी व्यक्त किया है।

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