फारबिसगंज (अररिया) : जनकवि बाबा नागार्जुन की जयंती स्थानीय द्विजदेनी मैदान में व कर्नल अजीत दत्त की अध्यक्षता में इंद्रधनुष साहित्य परिषद द्वारा आयोजित की गई।
इस मौके पर नागार्जुन की साहित्यिक कृतियों पर चर्चा करते हुए डा. एनएल दास, उमाकांत दास, इंदु कुमारी, मांगन मार्तड मिश्र, केदार नाथ कर्ण, हेमंत यादव, रघुनंदन प्र. शर्मा, श्री कृष्ण सिंह आदि ने बताया कि उनके काव्य ग्रंथों में हजार हजार बांहों वाली, युगधारा, सतरंगी पंखोवाली, संस्कृत रचनाओं में देश-देशकम, कृषक दशारूम तथा उपन्यासों में बाबा बटेश्वरनाथ, वरुण के बेटे, रतिनाथ की चाची, बलचनमा आदि प्रमुख हैं। साहित्य सेवा के लिए उन्हें 1967 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। जबकि नागार्जुन को भारत भारती सम्मान, मैथिली शरण गुप्त सम्मान, डा. राजेन्द्र प्रसाद शिखर सम्मान आदि से भी विभूषित किया गया था।
वहीं सभाध्यक्ष कर्नल दत्त ने बताया कि वर्षो पूर्व फारबिसगगंज के जगदीश मिल परिसर में एक कवि गोष्ठी में नागार्जुन ने भाग लिया था। उनकी साधारण वेशभूषा लोगों में चर्चा का विषय था।
जयंती कार्यक्रम का संचालन विनोद कुमार तिवारी ने किया जिसमें राज नारायण प्रसाद, विनोद दास, जयकांत झा, शिवनारायण चौधरी, पंकज ठाकुर, मृत्युंजय तिवारी, भुवनेश्वर दास, अरविंद ठाकुर, दीप नारायण नायक, शकुंतला देवी, गोविंद दास आदि भी उपस्थित थे।
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