अररिया : अररिया शहर के जयप्रकाश नगर में रंजन ऋषिदेव व उसके पिता ने बड़े अरमानों से अपने खेत में गेहूं बोया था। फसल लगी भी बेजोड़, लेकिन ऊपर वाले को शायद यह मंजूर नहीं था।
विगत सप्ताह आसमान से गिरी सफेद तबाही ने रंजन जैसे हजारों किसानों के अरमानों का गला घोंट दिया।
जिला कृषि कार्यालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक
पंद्रह हजार तीन सौ छत्तीस एकड़ में लगी गेहूं, मकई व अन्य फसलों की बरबादी हुई है तथा इससे 9427 किसान प्रभावित हुए हैं। ओला वृष्टि ने जिले के सात प्रखंडों में 54 पंचायत के 92 गांवों को बुरी तरह प्रभावित किया है।
सरकारी तौर पर विभिन्न प्रखंडों में फसल क्षति सर्वे को ले 33 टीमों को काम पर लगाया गया था। इन टीमों ने अपना आकलन सौंप दिया है। हालांकि किसानों की मानें तो सरकारी आकलन में बरबादी के सही आंकड़े नहीं आ रहे। अररिया, जोकीहाट, पलासी व रानीगंज में बेहद क्षति हुई है। लेकिन इन प्रखंडों में क्षति को कमतर दिखया गया है। हरी सब्जी की फसल यथा बंद गोभी, फूल गोभी और आम लीची की बरबादी का आकलन ही नहीं किया गया है।
बाक्स के लिये
प्रखंड प्रभावित गांव किसान क्षेत्र
अररिया 22 750 1475
नरपतगंज 2 275 555
रानीगंज 6 2322 3503
भरगामा 4 596 1028
जोगबनी 34 1269 1150
पलासी 20 1586 2169.58
फारबिसगंज 4 702 289.87
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