जोकीहाट(अररिया) : प्रखंड क्षेत्र में पंचायत चुनाव पांचवें चरण के तहत तीन मई को मतदान होना है। पंचायती राज अधिनियम के तहत पंचायत में विकास कार्यो की जिम्मेदारी मुखिया के हाथ में होने के कारण इस बार अधिकांश प्रत्याशियों की नजर मुखिया पद पर टिकी हुई है। जानकारों का मानना है कि मुखिया पद के लिए अधिकांश पंचायतों में इस बार पिछले चुनाव की तुलना में दोगुणा प्रत्याशी हो सकते हैं। पंचायतों में इंदिरा आवास, मनरेगा, बीआरजीएफ, 13 वीं वित्त जैसी योजनाओं के क्रियान्वयन का अधिकार मुखिया के हाथ में होने से सामाजिक रूप से इस पद की गरिमा बढ़ी है। साथ ही वित्तीय अधिकार भी मुखिया को काफी मिल गये हैं।
यही वजह है कि मुखिया पद पर काफी लोगों की नजरें गड़ी हुई है। इसके अलावा योजनाओं के अधिकार तथा प्रखंड प्रमुख बनाने में समिति सदस्यों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी मानी जाती है जिससे इस पद के लिए भी उम्मीदवारों की संख्या में इजाफा की उम्मीद है। हैरत की बात यह है कि न्यायिक अधिकार होने के बावजूद सरपंच पद के लिए कई पंचायतों में चर्चा तक नहीं हो रही है। जानकारों की मानें तो सरपंच के अधीन वित्तीय अधिकार नहीं होने के कारण इस पद के लिए उम्मीदवारों में होड़ नहीं है।
न्यायिक अधिकार भी सीमित होने के कारण सरपंच पद को उतनी अहमियत नहीं दी जा रही है। जो भी हो पंचायत चुनाव में इस बार सबकी नजर मुखिया पद पर ही टिकी हुई है।
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