Thursday, February 24, 2011

पैक्सों के खातों से उठ गये पैसे, नहीं खरीदे जा रहे किसानों के धान


नरपतगंज (अररिया) : पैक्स के माध्यम से हो रही अनियमितताओं पर अब तक ब्रेक नहीं लगाया जा सका है। डेहटी पैक्स का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है और नरपतगंज में पैक्स के माध्यम से फसल बीमा राशि गोलमाल के मामले सामने आ चुके हैं। अब नरपतगंज में ही धान खरीद के लिए पैक्सों को पैसे दिये जाने के बावजूद किसानों की धान नहीं खरीदे जाने की शिकायत किसानों ने की है। अगर अभी से प्रशासन सचेत नहीं हुआ तो किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई यह योजना यहां एक बार फिर दबंगों व बिचौलियों के निवाले बन सकते हैं।
ज्ञात हो कि प्रखंड क्षेत्र के सभी 29 पंचायतों के
पैक्सों में धान खरीद के लिए पैसे आवंटित कर दिये गये हैं।अधिकांश पैक्स अध्यक्षों द्वारा उस पैसे का उठाव भी कर लिया गया है किंतु आश्चर्य है कि अभी तक क्षेत्र के किसानों का धान खरीदा नहीं जा रहा है। साफ है कि उक्त पैसों का दुरूपयोग हो रहा है।
जिससे किसानों में आक्रोश पनप रहा है।
इस बाबत सेन्ट्रल कोपरेटिव बैंक के शाखा प्रबंधक के.के मुखर्जी ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र के 29 पंचायतों के पैक्स अध्यक्षों के खाते में किसानों की धान खरीदने हेतु पैसे आवंटित किये जा चुके हैं।
जिसमें सात पंचायतों को छोड़ सभी पंचायतों के पैक्स अध्यक्षों द्वारा तीन से सात लाख रुपये का उठाव भी
चेक द्वारा किया जा चुका है।
बावजूद किसानों से धान नहीं खरीदे जा रहे हैं। क्षेत्र के किसान पिंटू सिंह, शंकर सिंह, प्रभात रंजन, शोभी यादव, भुपेन यादव, झुन झुन, धनपत मंडल, विनोद चौधरी, धन्ना मोदी का कहना है कि उनके पंचायत के पैक्स अध्यक्ष धान लेने से आनाकानी कर रहे हैं।
जबकि सूत्रों की माने तो पैक्स अध्यक्ष धान खरीदने के बजाय राईस मिलों के मालिक को चावल उठाव के लिए एडभांस तक कर चुके है। यही वजह है कि अधिकांश पैक्सों के गोदामों में आज धान के बोरे दिखाई नहीं देते हैं।
जबकि क्षेत्र के किसानों को सरकार के द्वारा निर्धारित दर 1030 रु. क्विंटल के बजाय आठ से साढ़े आठ सौ रुपये क्विंटल धान खुले बाजार में बेचना पड़ रहा है। जिससे किसानों में सरकार तथा विभागीय अधिकारियों के प्रति आक्रोश पनप रहा है।

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