फारबिसगंज(अररिया) : पढ़ने लिखने की कोई उम्र सीमा नहीं होती। यह देखने को मिला मैट्रिक परीक्षा में जहां करीब 51 वर्षीय बुजुर्ग भी परीक्षा में शामिल हुए। फारबिसगंज कॉलेज परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थी यमुनानंद रजक मैट्रिक में पूछे गये प्रश्नों को हल करने में मशगूल थे। श्री रजक अररिया एच.ई. विद्यालय के छात्र है। श्री रजक छात्रों के बीच चर्चा का विषय बने रहे। दरअसल उम्र के इस पड़ाव में भी पढ़ाई के प्रति दिल में दबी इच्छा समाप्त नहीं हुई जिसका परिणाम रहा कि उन्होंने मैट्रिक परीक्षा देकर अच्छे अंकों से पास करने को ठान ली। श्री रजक का जन्म 25 जनवरी 1962 को हुआ था। हालांकि यह जानकारी नहीं मिल सकी कि श्री रजक इससे पूर्व भी कभी मैट्रिक की परीक्षा दी है अथवा नहीं।
Thursday, February 24, 2011
पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती
फारबिसगंज(अररिया) : पढ़ने लिखने की कोई उम्र सीमा नहीं होती। यह देखने को मिला मैट्रिक परीक्षा में जहां करीब 51 वर्षीय बुजुर्ग भी परीक्षा में शामिल हुए। फारबिसगंज कॉलेज परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थी यमुनानंद रजक मैट्रिक में पूछे गये प्रश्नों को हल करने में मशगूल थे। श्री रजक अररिया एच.ई. विद्यालय के छात्र है। श्री रजक छात्रों के बीच चर्चा का विषय बने रहे। दरअसल उम्र के इस पड़ाव में भी पढ़ाई के प्रति दिल में दबी इच्छा समाप्त नहीं हुई जिसका परिणाम रहा कि उन्होंने मैट्रिक परीक्षा देकर अच्छे अंकों से पास करने को ठान ली। श्री रजक का जन्म 25 जनवरी 1962 को हुआ था। हालांकि यह जानकारी नहीं मिल सकी कि श्री रजक इससे पूर्व भी कभी मैट्रिक की परीक्षा दी है अथवा नहीं।
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