Tuesday, February 8, 2011

श्रीकृष्ण की लीलाओं के आध्यात्मिक निहितार्थ: विश्वंभरा


अररिया : श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से साध्वी विश्वम्भरा भारती ने सोमवार को गोवंश की महत्ता व भगवान श्रीकृष्ण की रास लीलाओं के रहस्यों को उजागर किया।
उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण पूर्णावतार व महायोगी थे। उनकी लीलाओं के आध्यात्मिक निहितार्थ हैं। साध्वी ने कहा कि रास एक दिव्य खेल है जो दिव्य जगत से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि आत्मिक जगत की लीला है रास। इससे जीवात्मा का परमात्मा से जुड़ाव होता है।
साध्वी विश्वंभरा ने कहा कि मनुष्य कालिमापूर्ण विचारों को अपने अंदर स्थान न दे। क्यों कि कालुषता हमें ईश्वर से दूर कर देती है और हम मानवीय गुणों से भटक जाते हैं। इस अवसर पर मुख्य द्वारका प्रसाद केडिया व विजय मिश्र के अलावा महावीर अग्रवाल, स्वामी यादवेंद्रानंद, अजय झा, सुनील झा, संजय गुप्ता आदि उपस्थित थे। प्रसाद का भार जय माता दी कंस्ट्रक्शन की ओर से वहन किया गया।
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साध्वी ने की गौ संरक्षण की अपील
अररिया, संसू: साध्वी विश्वम्भरा ने कहा कि गौ की रक्षा व हित सवंर्धन के लिए स्वयं परमात्मा इस धरती पर आते हैं और उनकी संतान इस सेवा से क्यों वंचित हैं? साध्वी ने कहा कि गौ जैसा परोपकारी जीव हमें मेहनत व शांत जीवन जीने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि गौ प्रेम के कारण ही हमारे देश में गोकुल, गोवर्धन, गोपाल आदि नाम प्रचलित हैं। साध्वी विश्वम्भरा ने कहा कि गायों की संख्या के आधार पर ही भारतीय किसानों को नंद, उपनंद व नंदराज जैसे नाम दिए जाते थे।
साध्वी ने कहा कि गाय मानव का सच्चा साथी है, लेकिन अफसोस कि आज करोड़ों की संख्या में हमारे पशु बूचड़खाने तक पहुंच रहे। उन्होंने आम लोगों से गोवध रोकने व गौ वंश का व‌र्द्धन करने की अपील की।

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