अररिया : राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कहकशां परवीण ने अररिया के दो दिवसीय कैंप शिविर में वादों की सुनवायी के दौरान एक वाद में अभूतपूर्व फैसला सुनाया है। अपने चारों पुत्रों के द्वारा डकैती केस करने के बाद 95 वर्षीय वृद्ध हलीमा खातून ने राज्य महिला आयोग से न्याय की गुहार लगायी थी। महिला आयोग आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान बुधवार को अररिया पहुंची आयोग अध्यक्ष श्रीमती परवीन ने दो दिवसीय शिविर में कुल 70 वादों की सुनवाई की। इसी सुनवायी क्रम में गुरुवार को फारबिसगंज नगर थाना क्षेत्र के आलम टोला निवासी हलीमा खातुन का मामला भी सुना। इस दौरान सामने आया कि हलीमा खातुन को छह पुत्र व 4 पुत्री हैं। सभी पुत्र आपस में भूमि बंटवारा को लेकर विवाद चल रहा है। हलीमा खातुन के पुत्रों में महमूद, मसूद, मासूम व अन्य एक भाई ने अपनी मां पर डकैती व मारपीट का केस दर्ज कर दिया था जो अभी न्यायालय में लंबित है। हलीमा खातुन अपने पुत्र नसीम व समीम के साथ हीं रहना चाहती है। लेकिन आयोग की अध्यक्ष गुरुवार को फैसला सुनाया जिसमें कहा गया कि सभी पुत्र अपने मां को एक-एक सप्ताह अपने पास रखकर भरण-पोषण करें तथा जमीन का बंटवारा भी बराबर करें। आयोग ने इसके अलावे घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न आदि सहित कुल 70 मामलों की सुनवाई की। मौके पर आयोग की उप सचिव अनिमा सिन्हा, सदस्या मंजू देवी मौजूद थीं।
Friday, July 22, 2011
बूढ़ी मां को एक-एक सप्ताह रखें सभी पुत्र
अररिया : राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कहकशां परवीण ने अररिया के दो दिवसीय कैंप शिविर में वादों की सुनवायी के दौरान एक वाद में अभूतपूर्व फैसला सुनाया है। अपने चारों पुत्रों के द्वारा डकैती केस करने के बाद 95 वर्षीय वृद्ध हलीमा खातून ने राज्य महिला आयोग से न्याय की गुहार लगायी थी। महिला आयोग आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान बुधवार को अररिया पहुंची आयोग अध्यक्ष श्रीमती परवीन ने दो दिवसीय शिविर में कुल 70 वादों की सुनवाई की। इसी सुनवायी क्रम में गुरुवार को फारबिसगंज नगर थाना क्षेत्र के आलम टोला निवासी हलीमा खातुन का मामला भी सुना। इस दौरान सामने आया कि हलीमा खातुन को छह पुत्र व 4 पुत्री हैं। सभी पुत्र आपस में भूमि बंटवारा को लेकर विवाद चल रहा है। हलीमा खातुन के पुत्रों में महमूद, मसूद, मासूम व अन्य एक भाई ने अपनी मां पर डकैती व मारपीट का केस दर्ज कर दिया था जो अभी न्यायालय में लंबित है। हलीमा खातुन अपने पुत्र नसीम व समीम के साथ हीं रहना चाहती है। लेकिन आयोग की अध्यक्ष गुरुवार को फैसला सुनाया जिसमें कहा गया कि सभी पुत्र अपने मां को एक-एक सप्ताह अपने पास रखकर भरण-पोषण करें तथा जमीन का बंटवारा भी बराबर करें। आयोग ने इसके अलावे घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न आदि सहित कुल 70 मामलों की सुनवाई की। मौके पर आयोग की उप सचिव अनिमा सिन्हा, सदस्या मंजू देवी मौजूद थीं।
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