भरगामा (अररिया) : बैंक प्रबंधक या बैंक कर्मी के कार्यशैली में बदलाव शहरी क्षेत्रों में भले हीं कुछ हुआ हो लेकिन देहाती क्षेत्रों में बैंकों की दशा काफी उलझी सी है। खासकर भरगामा में बैंक प्रबंधक से लेकर मनमाने कार्यशैली से जुड़ी कई शिकायतें है, जिसको लेकर बैंक के आला अधिकारी या प्रशासन दानों उदासीन है।
चर्चा भरगामा प्रखंड की करें तो उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक शाखा-वीरनगर, खजुरी, महथावा के साथ बैंक आफ बड़ौदा शाखा रघुनाथपुर व सेंट्रल बैंक आफ इंडिया शाखा भरगामा है। जाज्जुब की बात यह है कि बैंक अधिकारियों द्वारा रिश्वत खोरी से जुड़ी शिकायत सभी शाखाओं में सामन रूप से है। हालांकि उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक शाखा वीरनगर से मिली शिकायत पर पिछले दिनों पुलिस कप्तान शिवदीप लांडे ने त्वरित कार्रवाई कर बैंक कर्मी के मनमानी पर एक हद तक अंकुश जरूर लगाया है। बावजूद इसके खजुरी शाखा में न तो बैंक कर्मी के मनमाने कार्यशैली पर प्रशासनिक खौफ दिखाई देता है और न हीं शिकायतों में ही कमी आई है। खजुरी के बड़े किसानों में राजेश गुप्ता, रमण कुमार, कैलाश यादव आदि का आरोप है कि उन्होंने केसीसी हेतु कागजी तमाम प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए ऋण हेतु आवेदन किया लेकिन बैंक अधिकारी कथित नजराने हेतु आवेदन के महीनों बाद भी टाल-मटोल की स्थिति बनाए हुए हैं और तो और हनुमान नगर निवासी चन्दर ऋषि, टुन्नू ठाकुर, खुटहा निवासी, इन्दल मंडल आदि की शिकायत है कि केवल खाता खोलने में शाखा प्रबंधक तीन सौ से पांच सौ रुपये की मांग करते हैं। हालांकि शाखा प्रबंधक खजुरी मो. परवेज आलम ने उक्त सभी आरोपों को खारिज करते हुए मनगढ़ंत बताया है। उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर से ऋण वितरण पर तत्काल रोक लगा दी गई है। वहीं कृषि सलाहकार खजुरी राजकिशोर गुप्ता व अन्य बुद्धिजीवियों ने भी शाखा प्रबंधक पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए कार्य में जमकर मनमानी करने का आरोप भी लगाया है। वैसे बैंक परिसर में कथित बिचौलियों की भीड़ को किसी भी दिन बड़ी ही सहजता से देखा जा सकता है।
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