अररिया : फूस की झोपड़ियों से भरे अररिया जिले में आग की लपटें सालों भर डराती हैं। अप्रैल मई का चिलचिलाती धूप हो या फिर जुलाई अगस्त की बरसात। आग की तांडव लीला से हजारों लोग प्रति वर्ष घर से बेघर हो जाते है। अग्निशमन केन्द्र के आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष 102 गांवों में अगलगी की घटनाएं हुई। इनमें कई बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान भी शामिल हैं। पिछले वर्ष अररिया के पुराना बाजार स्थित मंडी में भीषण अग्निकांड हुई। इस घटना में एक करोड़ की संपत्ति जलकर नष्ट हो गयी।
आश्चर्यजनक बात तो यह है इतनी बड़ी मंडी रहने के बावजूद कहीं भी पोर्टेबल अगिनशामक नही है। यहां तक कि आज भी सदर अस्पताल अररिया समेत कई प्रखंड के आज भी सदर अस्पताल अररिया समेत कई प्रखंड के रेफरल अस्पतालों में भी यह व्यवस्था नही हो पायी है। फारबिसगंज स्थित रेफरल अस्पताल में मात्र दो दिन पहले पोर्टेबल अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था की गयी है। वहीं जिले के अररिया एवं फारबिसगंज स्थित अग्निशामक केन्द्र में दो-दो पोर्टेबल अग्निशमन की व्यवस्था उपलब्ध करायी गयी है।
आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष भी अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह तक जिले में 85 जगहों पर अग्निकांड हुए तथा अग्निशामक दस्ते ने इन स्थानों पर पहुंच कर आग की लपटों को काबू में किया। जबकि दर्जनों ऐसे भी गांव हैं जहां न तो दमकल की गाड़ी पहुंच पाती है और न ही लोग सूचना देने की जरूरत भी समझते है। क्योंकि जब तक दमकल घटना स्थल पर पहुंचती है तब तक आसपास के लोग आग पर काबू पा लेते है। जोकीहाट प्रखंड के विभिन्न गांवों में पिछले वर्ष अग्निकांड की चार दर्जन से अधिक घटनाएं घटी। जिसमें सैकड़ों लोग घर से बेघर हो गये। इस वर्ष भी घटना की रफ्तार पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक है। इसी वर्ष जिला मुख्यालय स्थित नेशनल प्लाई उड फैक्ट्री में आग लगने से ड्रायर मशीन समेत लाखों का तैयार माल जलकर नष्ट हो गये। वही रानीगंज के रामपुर में एक ही दिन 50 लोग घर से बेघर हो गये। इस घटना में कई लोगों के वैवाहिक कार्यक्रम पर भी ग्रहण लग गया।
महत्वपूर्ण अग्निकांड की सूची
वर्ष- 2011 में
स्थान क्षति
1. अररिया व्यापारिक मंडी- 1 करोड़
2. कोशकीपुर- 25 लाख से अधिक
3. अररिया चांदनी चौक
के निकट -25 लाख से अधिक
4. कोशकीपुर घाट टोला- 50 क्विंटल गेहूं व अन्य सामान
5. अररिया आरएस के
गिदरिया में - 1 दर्जन घर समेत लाखों की क्षति
6. कुर्साकांटा के गरैया- तीन दर्जन से अधिक घर
7. जोकीहाट के तारण- डेढ़ दर्जन घर समेत
लाखों की क्षति
8. महलगांव के बागनगर- आधा दर्जन घर समेत लाखों की क्षति
9. रामपुर कोदर कट्टी- एक दर्जन घर समेत
लाखों की क्षति
10. जिले के सभी प्रखंडों में 100 से अधिक घटनाएं घटी जिसमें चार हजार की आबादी को बेघर होना पड़ा।
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