अररिया : सरकार ने प्रत्येक अनुमंडलों में फायर स्टेशन की स्वीकृति तो दे दी है किंतु इसे अभी तक व्यवस्थित नहीं किया जा सका है। अररिया में तो अग्निशमन विभाग होमगार्ड के सहारे ही चल रहा है। यहां कर्मियों की काफी कमी है। उस पर भी जान की बाजी लगा कर दूसरों को सुरक्षा देने वाले अग्निशमन दस्ता के जवानों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। कृषि बाजार प्रागंण स्थित मीडिया सेंटर वाले भवन में रह रहे अग्निशमन दस्ता के सदस्यों को न तो सोने की समुचित व्यवस्था है और न पीने के लिये पानी का पर्याप्त साधन। यहां तक कि शौचालय के लिये उन्हें मैदान में भटकना पड़ता है। शटर युक्त दुकान जैसे भवन में रह रहे अग्निशमन दस्ता के सदस्यों के शयन की व्यवस्था भी अजीब है। भवन में रखे बैलेट बाक्स ही उनका बिछावन है। चिल चिलाती धूप हो या बरसात का मौसम सभी कुछ खुले जैसा झेलते हैं फायर ब्रिगेड के जवान। वहीं अररिया के अग्नि शमन केन्द्र आज भी होम गार्डो के भरोसे ही चलता है।
जिले के अररिया एवं फारबिसगंज अनुमंडल में अग्निशमन केन्द्र स्थापित है। अररिया में तीन फायर ब्रिगेड गाड़ी एवं फारबिसगंज में दो गाड़ी कार्यरत है। लेकिन दोनों ही केन्द्रों पर कर्मियों का घोर अभाव। फारबिसगंज अनुमंडल में आग पर काबू पाने के लिये 3 चालक की जरूरत है। लेकिन एक चालक के भरोसे वहां कार्य किया जा रहा है। 10 होम गार्ड जवान यहां कार्यरत हैं। जिसमें कभी कोई चालक का कार्य देखते हैं तो कभी आग बुझाने का काम। इसी प्रकार अररिया में 3 गाड़ी में दो चालक ही मौजूद है। एक चालक का काम होम गार्ड के जवान देख रहे हैं। अररिया केन्द्र में पदास्थापित प्रधान चालक सह हवलदार गणेश प्रसाद यादव का कहना है कि दोनों ही केन्द्रों पर कम से कम 10 कर्मचारी की जरूरत है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1990 से ही 912 जवानों की बहाली प्रक्रिया शुरू हुई थी। लेकिन अब तक संपन्न नही हो पाया। यदि बहाली प्रक्रिया संपन्न हो जाती तो किसी भी केन्द्रों पर कर्मी की कमी नहीं होती। उन्होंने केन्द्र की व्यवस्था पर क्षोभ जताते हुये बताया कि किसी भी मौसम में उनलोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उनका कहना है कि घटना के दौरान पानी की व्यवस्था पीएचडी कार्यालय एवं नदी, पोखर व जगह-जगह बने गड्ढे से तो हो जाती है लेकिन हाई डेंट की अति आवश्यकता है। क्योंकि भीषण अग्निकांड के दौरान कई बार गाड़ी में जल भरना पड़ता है। हाईडेंट के सुचारु नहीं होने से जल लेने में काफी देर हो जाती है। ऐसी परिस्थिति में आग काफी फैल जाती है और दर्जनों घरों को अपने चपेट में ले लेती है।
उन्होंने यह भी बताया कि पड़ोस के लगभग सभी जिलों में हाईडेंट काम कर रहा है। अररिया में भी यह व्यवस्था उपलब्ध तो है लेकिन सुचारु नहीं हो पाया है।
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