अररिया : क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़ा वार्ड समझे जाने वाला वार्ड नंबर 11 का डमहैली टोला आज भी शिक्षा के मामले में सरकारी उपेक्षा का शिकार है। एक हजार की मुस्लिम बाहुल्य टोला में एक भी सरकारी विद्यालय नहीं है। नगर परिषद का ये टोला पूरी तरह गांव जैसा है। जहां न तो बिजली, न स्वास्थ्य और न ही सड़क की समुचित सुविधा लोगों को प्राप्त है। इतना ही नहीं वार्ड के मुख्य मुहल्ला से इसकी दूरी लगभग पांच किमी है। हर प्रकार का टैक्स देने के बावजूद उन्हें सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं मिलता है। वार्ड नंबर 11 जिसमें मुख्य रूप से खरैया बस्ती, यादव टोला, मुसहरी एवं डमहैली टोला शामिल है। 6 हजार की आबादी वाले इस वार्ड में 2600 वोटर है। लगभग छह सौ लोग बीपीएल एवं 214 लोगों को अन्त्योदय मिलता है। इस वार्ड की मुख्य समस्याओं में सड़क, नाला एवं स्वास्थ्य की सुविधाओं का नहीं मिल पाना शामिल है। चार आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। इस वार्ड के पीड़ित किसान जिनकी फसल पिछले वर्ष ओलावृष्टि में पूरी तरह बर्बाद हुआ था उन्हें आज तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। मुसहरी टोला की सड़कें आज भी जर्जर हालत में है। परमान नदी के किनारे होने के कारण प्रतिवर्ष कटाव की समस्याओं से जूझते हैं। वार्डवासी मासूज रजा कहते हैं कि इस वार्ड में विकास कार्य में भारी अनियमितता बरती गयी है। डम्हैली के अब्दुर रहमान विद्यालय नहीं रहने के कारण अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं। मुसहरी टोला के धनंजय मंडल, नीतू कुमारी, सूरज कुमार सड़क नहीं बनने से आक्रोशित नजर आये। वार्डवासी मुख्य रूप से बिजली, नदी कटान, सड़क एवं शिक्षा की समस्या से जूझ रहे हैं।
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