अररिया : वर्षो बाद होली के रंगों ने मैला आंचल की फिजां में आपसी प्रेम के धागे को इंद्रधनुषी फितरत प्रदान की। भाईचारे की डोर रंगीन हुई और सड़क पर होली का हुड़दंग भी शांतिपूर्ण रहा।
इस बार होली के रंग दो दिनों तक बरसते रहे। गांवों में एक दिन पहले ही धुरखेल शुरू हुआ और शहरी होली एक दिन बाद शुरू हुई। गांवों में बिखरता सामुदायिक तत्व होली के बहाने एक बार फिर जुड़ता नजर आया। दूध और मसालों से बनी ठंडई की मस्ती में आंनद और खुशी का जोश। एक दूसरे से मिलकर पर्व का आनंद लेने का जोश। पूआ पकवान व दहीबड़े का जोश। कई जोश के मिलने का आंनद एक साथ। सदा आनंद रहे एहि द्वारे ..।
होली के अवसर पर चकाचक चांदनी रात में मृदंग व मजीरे की गूंज पर फगुआ गाती टोलियां इस बार भी दिखी, लेकिन कम। ब्रज मंडल आजु खेलैय होली, ब्रजमंडल..। होली की मस्ती में पूरा जिला निमग्न दिखा। खास बात यह कि अल्प संख्यक समुदाय के लोग भी होली का आनंद लेते नजर आये। रंगखेल की संध्या अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने हिंदु भाईयों के घर जाकर होली की बधाई दी, गुलाल लगाया और मालपूए का आंनद उठाया।
होली की शुरूआत सात को ही हुई। धूलिक्रीड़ा के साथ। सरकारी आदेश के तहत होली की छुट्टी व नशाबंदी नौ को थी, लिहाजा दो दिनों तक शराब की धार खुल कर बहती रही। इतना ही नहीं, बंदी के दिन के लिए भी सुरा प्रेमियों ने अपना स्टाक पूरा कर लिया। इस शराब खोरी का नजारा सड़कों पर दिखा। होली के दोनों दिन सड़कों पर कई जगह लोग शराब के नशे में बेसुध पड़े दिखे।
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