अररिया : रंगों के महापर्व में एकता का संदेश भी छुपा है। भले ही अलग- अलग समूहों में इसके रंग अलग- अलग हों, पर इनके मिलन से जो इंद्रधनुषी संस्कृति सामने आती है, वह देखने योग्य है।
मारवाड़ी समाज के सदस्य विगत दो सप्ताह से अपने ही ढंग से होली का उत्सव मनाने में लगे थे। यह सदियों पुराना पारंपरिक समारोह है तथा इसकी जड़ें सुदूर राजस्थान में छुपी हैं। होली के दिन यह परंपरा अपने पूर्ण रूप में सामने आयी।
अररिया के महावीर रोड स्थित मारवाड़ी पट्टी मुहल्ले में रहने वाले लोग विगत कई दिनों से पचास साठ की संख्या में एकत्रित होकर होली के गीत गा रहे थे। होली के दिन समाज के सभी सदस्य एक दूसरे के घर गये तथा मिठाईयों का आंनद लिया।
व्यवसायी शांति लाल जैन ने बताया कि मारवाड़ी समाज में भाईचारे का अटूट रिश्ता है। होली जैसे पर्व के माध्यम से इस रिश्ते को और मजबूत बनाने की कोशिश की जाती है। इस कार्यक्रम में प्रतिदिन समाज का एक व्यक्ति मेजबान बना और शेष लोग उसमें सहभागी हुए।
इस कार्यक्रम में डफ, जिसे राजस्थानी में चंग कहते हैं, के सहारे होली गीतों का शानदार समां बना और लोगों ने मिठाईयों से मुंह मीठा किया।
इस शानदार कार्यक्रम में हनुमान मल जैन, राजू दूधेड़िया, पवन जी बाहेती, खेमकरण वेगवानी, सागर मल जैन, कन्हैया लाल बोथरा, अजय बैद, पवन भूरा, अंकित, राजेश छाजेड़, निर्मल बोथरा, अरविंद नाहटा, मनीष वेगवानी, राधा जालान, आंनद सोमानी, गणेश अग्रवाल व अन्य शामिल हुए। कार्यक्रम में सबने होली गीत गाये तथा मिठाईयों का आनंद लिया।
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