Saturday, July 9, 2011

अररिया: सड़कों पर बंट रही मौत की सौगात

अररिया: चमचमाती काली कालीन जैसी शानदार सड़कों पर दौड़ते बेलगाम वाहन मौत की सौगात बांट रहे हैं। जिले में सड़कों की स्थिति ठीक होते ही दुर्घटनाओं की रफ्तार भी तेज हो गयी है। परिवहन विभाग सुस्त है और वाहनों के अधिकतर चालक 'मस्त'। विगत वर्ष की तुलना में सड़क दुर्घटना में मरने वालों की तादाद दोगुनी बढ़ गयी है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस साल जनवरी से जून के बीच सड़क हादसों में 54 लोगों की मौत हुई है। वहीं, पांच सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं। बेलगाम वाहन ने प्रति माह 9 लोगों को समय से पहले हीं मौत की नींद सुला दी है। आखिर कौन है इसका दोषी? सड़कों की अच्छी स्थिति या फिर परिवहन विभाग की सुस्ती। जानकारों की मानें तो अधिकांश चालक ट्रैफिक नियमों का पालन करना तो दूर उसके बारे में जानते तक नहीं। उन्हें केवल ऊपर नीचे ठसाठस सवारी भरने से मतलब है। जिन सड़कों पर गति की रफ्तार 40 किमी प्रति घंटा है वहां भी 80 से 100 किमी की दर से गाड़िया दौड़ रही हैं। न गति पर नियंत्रण और न हीं ट्रैफिक नियमों का पालन। नतीजा कहीं भी दुर्घटना। परिवहन विभाग की लापरवाही से सब कुछ सरपट ही दौड़ता नजर आता है।
जनवरी से जून के बीच यहां प्रत्येक माह बेलगाम वाहनों ने 54 लोगों को मौत की नींद सुला दिया और सैकड़ों लोग विकलांगता का दंश झेलने को विवश हैं।
जनवरी माह में कुल 9 लोग सड़क दुर्घटना में मारे गये। पांच जनवरी को जोकीहाट में बिल्लु बहरदार नामक मछली व्यवसायी की मौत मेजिक के ठोकर से हो गयी। वहीं फारबिसगंज के तत्कालीन विधायक के भाई जय प्रकाश मेहता की मौत 22 जनवरी को एक बोलेरो की ठोकर से हो गयी। जबकि सिमराहा की आयशा खातुन, अररिया का सज्जाद, फारबिसगंज का जय कृष्ण यादव, अशर्फी पासवान, भलामा के बौआ कुमार भी इसी माह बेलगाम वाहनों के शिकार हो गये। सबसे अधिक दुर्घटना फरवरी माह में घटी। इस माह में 14 लोगों ने गाड़ी के चपेट में आकर जान दे दी। भरगामा में बराती लदा एक ट्रैक्ट्रर के पलट जाने से एक हीं दिन गिरानंद ऋषिदेव, धर्मेन्द्र कुमार, मनिका ऋषिदेव की मौत हो गयी। जबकि इसी माह जोकीहाट के आदिल आलम, शहनवाज एवं अनिल कुमार साह को खुट्टी चौक से आगे चरघरिया के निकट एक मैजिक ने रौंद डाला। इस घटना को लेकर ग्रामीणों ने काफी बवाल काटा लेकिन मामले को हल कर लिया गया। आठ मार्च को रानीगंज के काला बलुआ के निकट बारात से लौट रही एक बोलेरो के टक्कर से भगवान सादा, सकल ऋषिदेव एवं बदरी यादव की दर्दनाक मौत हो गयी। वहीं 17 मार्च को फारबिसगंज में ट्रैक्टर पलटने से विजय कुमार राम एवं विकास कुमार राम की मौत हो गयी। अप्रैल माह में पलासी के सूर्यानंद सिंह, अररिया की कुंती देवी, रजोखर की नूर जहां, कटिहार के निजाम एवं बेलवा बंगाली टोला के छात्र सुभान की मौत से आज भी लोग सकते में है। मई माह में भी कातिल वाहनों ने 11 लोगों को मौत की नींद सुला दी जबकि जुन माह में 2 लोग इनके शिकार हुए।

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