Thursday, July 7, 2011
सीमावर्ती गांवों में भी फैला बाढ़ का पानी
नरपतगंज (अररिया) : क्षेत्र से होकर गुजरी नदियों के उफना जाने से प्रखंड के एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ के चपेट में आ गये हैं। जबकि एनएच 57 के डायवरसन में 4 से 5 फीट पानी का बहाव होने से यातायात प्रभावित हो गया है। नरपतगंज-फारबिसगंज सड़क पर भी पानी आ गया है। सरकार व प्रशासन द्वारा बाढ़ सुरक्षा को लेकर किये गये बड़े बड़े दावे के बावजूद प्रखंड क्षेत्र समेत सीमावर्ती सुपौल जिला के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। लगातार हो रही बारिश के कारण सुरसर नदी, गेरुआ नदी समेत कई छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं। वर्ष 2008 के 18 अगस्त को कोसी नदी का कुशहा बांध टूटने के कारण इस क्षेत्र के प्राय: सभी छोटी-बड़ी नदियां के तटबंध ध्वस्त हैं। बांध नहीं बनने के कारण प्रखंड के मानिकपुर, तोप नवाबगंज, सुरसर, अचरा, बेला बसमतिया, पथराहा, राजगंज तथा सीमावर्ती सुपौल क्षेत्र के चापीन, ठुट्ठी, भीमपुर आदि गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है। वहीं नरपतगंज बाजार से पश्चिम एनएच 57 के डायवरसन में 4 से 5 फीट पानी भर गया है। वहीं वीरपुर-बथनाहा मार्ग पर भी पानी बहने के कारण यातायात ठप होने की आशंका है, जब कि मानिकपुर गांव से बेला बसमतिया जाने वाली सड़क भी बाढ़ की चपेट में है। इधर बाढ़ के पानी के कारण हजारों एकड़ में लगी पाट व मुंग की फसल बर्बाद हो गयी है। लोग पानी के बढ़ते दवाब के कारण काफी भयभीत हैं। इधर बाढ़ से बचाव के लिये एक भी नाव प्रखंड मुख्यालय में अब तक उपलब्ध नहीं है। जिला परिषद सदस्य कलानंद विराजी व विपीन सम्राट ने प्रशासन को दोषी ठहराते हुये जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगायी है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment