Monday, February 20, 2012

बिना कार्य के हो गया पैसों का उठाव


कुसियारगांव (अररिया) : विकास कार्यो में घोटाले के किस्से आम है, लेकिन प्रशासन की नाक के नीचे लाखों का घोटाला हो गया और किसी को भनक तक नही लगी। मामला अररिया जिला अंतर्गत स्वास्थ्य केन्द्र भवनों के निर्माण से जुड़ा है। इसमें बगैर काम पूरा किये लाखों रुपये की राशि उठा ली गई। शायद यह बात प्रकाश में भी नहीं आती अगर डीएम एम. सरवणन द्वारा वर्ष 2009 में जांच नही करवाई गई होती। जांच में हुए खुलासे का सारांश यह है कि ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के अभियंता, अभिकर्ता ने बगैर काम पूरा किये लगभग बीस लाख रुपयों का भुगतान ले लिया और जिला प्रशासन को यह प्रतिवेदन दे दिया कि कार्य पूर्ण है। इन कार्यो की शुरूआत लगभग छह साल पूर्व की गई थी, दैनिक जागरण में 19.11.09 को छपी खबर के बाद मामला कुछ हरकत में आया और उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर चुनाई, पोताई का कार्य भी शुरू कर दिया गया था और फिर मामला वहीं पहुंच गया जिसे देखने वाला कोई था ही नहीं। ग्रामीणों को आस जगी की अब मेरा इलाज यहीं होगा और शहर जाने से बच जाउंगा, मामला देखते ही देखते खटाई में पड़ गया। इसके तहत पीएचसी अररिया स्वास्थ्य उपकेन्द्र बेलवा, बदूरबाड़ी, ताराबाड़ी, रामपुर मोहनपुर, भोजपुर, चंदहई, आजम नगर, खमगड़ा आदि जगहों में बिजली, पेयजल, शौचालय, संपर्क पथ, फायर प्रोटेक्शन आदि से सुसज्जित भवन का निर्माण करवाया जाना था, लेकिन सभी जगहों पर मकान तो बना, लेकिन बांकी के कार्य नहीं किए गए। मकानों के कार्य भी बेहद घटिया बताये जा रहे है। वहीं विभागीय अभियंता की हिम्मत देखिए कि उन्होंने कार्य पूर्ण बताकर सारे पैसे उठा लिए। डीएम एम. सरवणन द्वारा पूर्व में करवाये जांच रिपोर्ट के अनुसार किसी भी भवन में शौचालय, बिजली, सड़क, फायर, प्रोटेक्शन, बाउंड्रीवाल आदि नही बने हैं। जांच रिपोर्ट आने के बावजूद कार्य को पूर्ण नहीं किया गया। प्रखंड के ताराबाड़ी उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन के निर्माण के लिए 6.48 लाख रुपयों की राशि दी गई, इसके अलावा डेढ़ लाख से ज्यादा रुपये शौचालय, जलापूर्ति, विद्युतीकरण आदि के लिए भी दिए गए। भवन तो बना लेकिन उसके कई जगहों पर दरार पड़ी हुई है। हालांकि चुना की पोताई कर ढक दिया गया, जबकि अन्य कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई। विशेष प्रमंडल सारे कार्यो को पूर्ण बता रहा है।
इन सभी अस्पताल भवनों में फायर प्रोटेक्शन के लिए दो लाख से अधिक की राशि विमुक्त की गई थी लेकिन कहीं भी इसका काम नहीं हुआ। इस संबंध में कुछ संबंधित अधिकारी नाम नहीं छापने के शर्त पर बताते हैं कि इस पर तो कार्यवाही होनी चाहिए पर मामला हम से संबंधित नहीं है, लेकिन अधिकारी का हलक सुख जाता है। कहते है कि भवन तैयार रहे तब न स्वास्थ्य कर्मी व चिकित्सक को भेजा जाएगा। वहीं प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. अखलेश शर्मा बताते है कि इस संबंध में जानकारी अबतक नहीं दिया गया है।

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