अररिया : अररिया प्रखंड अंतर्गत बैरगाछी में प्रस्तावित सशस्त्र सीमा बल के 28वीं बटालियन के मुख्यालय निर्माण का मामला भू अर्जन विभाग के विलंब के कारण अधर में लटका दिख रहा है। नेपाल की सीमा से सटे अररिया जिला कई तरह के आपराधिक गतिविधियों से त्रस्त रहता है। कभी अनाज तस्करी की जाती है तो कभी हथियारों का जखीरा इस पार-उस पार होता है। अधिकांश बड़े घटनाओं के बाद आपराधिक प्रवृति के लोग नेपाल की तरफ भागते हैं।
जानकारी के अनुसार कैंप निर्माण के संबंध में पिछले पांच वर्षो से कार्रवाई की जा रही है। लेकिन सूत्रों की माने तो कुछ सफेदपोश इस निर्माण के विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। लेकिन गृह मंत्रालय व रक्षा मंत्रालय बैरगाछी में कैंप निर्माण के लिए सकारात्मक रुख अख्तियार किये हुए है। इसी का नतीजा है कि सोमवार को एसएसवी के डीजी आर के शुक्ला, आईजी अमित मिश्रा, डीआइजी एल के गोहाई समेत कई अधिकारियों ने बैरगाछी पहुंचकर चिन्हित भूमि का निरीक्षण किया।
प्रस्तावित अधिग्रहण के लिए 132 व्यक्तियों का कुल 74.299 एकड़ जमीन चिन्हित किया गया है। जिला भू अर्जन कार्यालय के अनुसार जमीन अधिग्रहण की स्वीकृति के लिए भू अर्जन अधिनियम 7(17) के तहत राच्य सरकार के पास भेजा गया है। बताया जाता है कि वर्ष 2010 के जुलाई माह में भी विभाग को पत्र भेजा गया है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर डीएम ने विगत 27 दिसंबर 10 को पुन: स्मार पत्र भेजकर स्वीकृति देने का अनुरोध किया है। कैंप निर्माण व मुआवजा के लिए पिछले तीन वर्षो से 9 करोड़ 9 लाख 48 हजार 595 रुपये जिला को प्राप्त है। परंतु बताया यह जा रहा है कि धारा 7(17) के तहत स्वीकृति मिलने के बाद ही मुआवजा दिया जायेगा।
जानकारी के अनुसार मुआवजा का निर्धारण डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक में तय होगा। इस कमेटी में एडीएम, एसडीओ, डीएलओ, रजिस्टार व सीओ भी रहेंगे। अब सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक कैंप निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी। 132 व्यक्तियों का 74.30 एकड़ जमीन जो चिन्हित की गई है। इसका मुआवजा का भुगतान कब तक किया जायेगा।
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