Tuesday, February 21, 2012

छात्रों के सर्वागीण विकास को ले विद्या भारती प्रतिबद्ध



फारबिसगंज (अररिया) : विद्या भारती अखिल भारती शिक्षा संस्थान अपने स्थापना काल से ही बालकों के सर्वांगीण विकास के लिए भारतीय संस्कृति के साथ-साथ आधुनिकता का पुट लिये हुए संस्कार युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए कृत संकल्प है। वर्तमान में संपूर्ण भारतवर्ष में विद्या भारतीय के माध्यम से कुल 30 हजार शिक्षण संस्थानों का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है। कार्य की दृष्टि से विद्या भारती ने संपूर्ण भारत वर्ष को ग्यारह क्षेत्रों में विभक्त किया है। जिसमें बिहार-झारखंड को उत्तर पूर्व क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। उपरोक्त बातें सोमवार की संध्या स्थानीय रानी सरस्वती विद्या मंदिर प्रागंण में आयोजित एक प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय संघ समिति के सह संगठन मंत्री यतीन्द्र शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि विद्या भारती का देश भर में दस हजार अनौपचारिक केन्द्र तथा 15 हजार औपचारिक केन्द्र है। जिसमें 35 लाख भाई-बहन शिक्षा प्राप्त कर रहे है, एक लाख पैंतीस हजार आचार्यगण कार्यरत है। विद्या भारती शिक्षा को मात्र परीक्षा नही बनाना चाहती यहां तो व्यक्ति विकास का भारतीय प्रतिमा के रूप में उन्हें निखारना है। उन्हें कहा के वे पाठयक्रम में सेक्स शिक्षा का विरोध करते है, इसके लिए देश के अंदर आंदोलन भी चलाया गया था। सीमावर्ती क्षेत्र भी शिक्षा का वातावरण बनाने के लिए क्षेत्र को चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा है। देश भर में पांच आधारयुक्त विषयों की पढ़ाई विद्या भारती करवाती है, राष्ट्रीय आयोजन में विज्ञान मेला आदि का भी आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि आगामी वर्ष स्वामी विवेकानंद के 150वें जयंति के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। इधर इस अवसर पर विद्या भारती के बिहार-झारखंड संगठन मंत्री डा. रामाकांत राय, लोक शिक्षा समिति के प्रदेश मंत्री महेश प्रसाद सिंह, प्रबंधन समिति अध्यक्ष रामकुमार केशरी, नकुल शर्मा, प्रधानाध्यापक शंभू शरण तिवारी, भोला प्रसाद आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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