अररिया, संवाद सूत्र : जिला मुख्यालय से सटे उत्तरी छोड़ पर बहने वाली परमान नदी के तिरसुलिया घाट पर पक्की पुल निर्माण की मांग वर्षा से हो रही है लेकिन आज तक पुल नहीं बन पाया। जनप्रतिनिधियों की अनदेखी व प्रशासनिक उदासीनता के कारण लोग जान जोखिम में डालकर चचरी के सहारे नदी पार करने को विवश हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत तिरसुलिया घाट के दोनों पार सड़क निर्माण कार्य जारी है। घाट पर प्रत्येक वर्ष छठ के बाद गांव के लोग मिलकर चचरी पुल बनाते हैं और हर साल सैलाब आकर उसे बहा ले जाता है। तीन-चार माह तक लोग नाव की सवारी करते हैं और समय-समय पर नाव पलटने की घटना भी घटित होती रहती है। तिरसुलिया घाट पर पक्की पुल निर्माण होने से कुर्साकांटा, पलासी, पटेगना, मदनपुर, भोजपुर, ताराबाड़ी आदि गांव की दूरी काफी कम हो जाएगी और जीरोमाइल से जोकीहाट वाली सड़क का बोझ भी घटेगा।
सूत्रों की मानें तो पुल निर्माण को ले सर्वे भी हुआ और डीपीआर तैयार कराया गया। परमान नदी के पार कोशकीपुर, बसंतपुर, रामपुर, मोहनपुर, घाट टोला आदि गांव के सैकड़ों लोग मजदूरी कमाने, सब्जी,गोयठा बेचने के लिए रोजाना मुख्यालय आते हैं। जब चचरी पुल नहीं रहता है तो लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। बताया जाता है कि पुल निर्माण का प्रस्ताव वार्ड नंबर 23 की वार्ड पार्षद ने भी अपने पंचवर्षीय प्लान के माध्यम से नगर विकास विभाग भेजा है।
इधर, भाजपा जिलाध्यक्ष आलोक कुमार भगत, लोजपा जिलाध्यक्ष सुनील झा, सपा जिलाध्यक्ष ललित मोहन ठाकुर, कांग्रेस के आबिद हुसैन अंसारी, राजद नगर अध्यक्ष राजू यादव आदि ने जिला प्रशासन से पुल निर्माण की दिशा में शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की है।
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