Wednesday, December 22, 2010

महिला सशक्तीकरण का बेहतरीन माध्यम है हुनर: सुष्मिता

अररिया : आज लड़कियों में शिक्षा के प्रति जागरूकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विद्यालयों में बड़ी संख्या में न केवल छात्राएं नामांकन करा रही है। बल्कि पढ़ने भी जा रही है। यह सब सरकार द्वारा छात्राओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन योजनाओं का कमाल है। लड़कियां भी अब पढ़ लिखकर अपने परिवार के लिए सहारा बनना चाहती है। आज छात्राएं न केवल शिक्षित हो रही है। बल्कि शिक्षा के साथ साथ विभिन्न प्रकार का हुनर सिखकर आत्म निर्भर बनने की ओर अग्रसर हो रही है। समाज में एक बेहतर मुकाम हासिल करना जीवन का लक्ष्य बना चुकी है। आज लड़कियां सिलाई, कटाई, बुनाई, पेटिंग, जरी, टेडी वियर, मेंहदी और जूट का काम सिख रही है। हुनर सिख रही छात्राएं रेशमा, नीतू, प्रीती, सोनम, राजप्रिया, हिना, सुमन वर्मा, नीलम और भारतीय कुमारी का कहना है कि हुनर सिखना हम लोगों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। जो जिंदगी में हमेशा काम आयेगा। हुनर सिखा रही प्रशिक्षिका सुष्मिता ठाकुर ने बताया कि पिछले पांच वर्षो से मैं यह लगातार काम कर रही हूं। मेरे द्वारा अब तक हजारों लड़कियां हुनर सिख चुकी है। उन्होंने बताया कि आज वे लड़कियां इसे रोजगार में अपनाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है। श्रीमती ठाकुर ने कहा कि महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन माध्यम है हुनर। उन्होंने पुर्नविकास के लिए सरकार से भी सार्थक प्रयास कर इसे प्रोत्साहित करने की मांग की।

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