अररिया : नगर परिषद के वार्ड संख्या बारह में मतदाताओं की संख्या अपेक्षाकृत कम है। शायद यही कारण है कि यहां की सुध लेने की फुरसत किसी को नहीं। परमान की उपधारा के तट पर बसे इस मुहल्ले के लोग बाढ़ व कटाव का दोहरा दर्द झेल रहे हैं। सड़क व बिजली की सुविधा नहीं और कच्चे मकानों की बहुतायत। इस वार्ड में विकासहीनता का अभिशाप बेहद गहरा है।
परमान के छाड़न पर बसे इस वार्ड के गलियों में चलने के लिए सड़क भी नही है। पूरी तरह गांव जैसे वातावरण वाले इस मोहल्ले में अधिकांश लोग छोटे किसान व मजदूर वर्ग के हैं। शहर में मजदूरी कर शहर को शहर जैसा बनाये रखने वाले इन लोगों ने आज तक शहर की सुविधाएं नहीं देखी। हर साल आने वाली बाढ़ में मुहल्ले के कई घर कटकर बह जाते हैं लेकिन प्रशासन इस दिशा में कोई ठोस उपाय नही कर पायी है। जगह-जगह बिजली के खंभे गिरे पड़े है लेकिन विद्युतीकरण का कार्य कब होगा इसकी जानकारी वार्ड वासियों को नही है। सफाई के लिये सफाई कर्मी वार्ड में भूले भटके हीं नजर आते है। कृष्ण मंदिर से कुछ दूरी के बाद कामत टोला तक जाने के लिए गड्ढा नुमा सड़क, तो यादव टोला के लोगों को मुख्य सड़क तक जाने के लिये कोई सड़क ही नहीं।
पांच हजार आबादी वाले इस वार्ड में मतदाताओं की संख्या मात्र 500 सौ के करीब है। इन मतदाताओं में 160 बीपीएल एवं 65 एपीएल कार्ड धारक हैं। हालांकि 70 लोगों को अन्त्योदय योजना का भी लाभ मिल रहा है लेकिन वार्ड में 300 सौ से अधिक मतदाताओं का नाम सूची में अंकित नही हो पाया है। यहां के बच्चों को पढ़ने के लिये वार्ड में कोई सरकारी स्कूल भी नही है। वार्ड में एक आंगनबाड़ी केन्द्र है भी तो वह सुचारु ढंग से नही चल पा रहा है।
क्या कहते है वार्ड वासी:
वार्ड वासी नौमान आलम ने बताया कि छोटा वार्ड होने के कारण उनके वार्ड में विकास का कार्य भी सिकुड़ गया है। लोग आज भी ग्रामीण माहौल में जीने के लिये विवश है। वहीं बीबी मुस्तरी को अवैध रकम चुकाने के बाद अब तक पेंशन नही मिलने का मलाल है। बीबी हुमेरा बताती है कि उन लोगों ने अपने वार्ड में आज तक कोई सफाई कर्मी को नही देखा। बरसात के दिनों में उनलोगों को घर से निकलना भी दूभर हो जाता है। जगह-जगह खाई और बगल की परमान नदी के प्रकोप से वे लोग हमेशा सहमे रहते है। श्यामा देवी अपने घर के आगे का दृश्य दिखाते हुये कहती है, चुनाव के समय सभी लोग बड़े-बड़े वायदे करते है लेकिन चुनाव बीतने के बाद सब भूल जाते है। वह कहती है कि कई लोग पहचान पत्र से वंचित है लेकिन पार्षद कुछ सुनने के लिये तैयार नही है।
क्या कहते है वार्ड पार्षद:
वार्ड पार्षद शांति देवी के पुत्र सह प्रतिनिधि नीरज कुमार निक्कु ने भी अपने वार्ड में बाढ़ और कटान की समस्या को भयावह बताया। उन्होंने बताया कि जब तक आगे में रिंग बांध का निर्माण नही होता है तब तक इस समस्या से निजात नही मिल सकता है। पांच वर्ष के दौरान विभिन्न योजनाओं से वार्ड के विकास के लिए लगभग 70 लाख रुपये खर्च की गयी, बावजूद पार्षद को कई सड़क नहीं बनाने का मलाल है।
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