Tuesday, February 21, 2012

बाहरवाली की चक्कर में बेगानी हो रही घरवाली


बसैटी (अररिया) : अग्नि के सात फेरे लेकर जन्म जन्मातंर तक साथ रहने की कसम खाने वाले पति व उनके परिजन इतने कठोर होंगे इसका अंदाज इन मासूम अबलाओं को नही था। रानीगंज व आसपास के इलाके में सैकड़ों ऐसी मजबूर औरतें हैं जिन्हें पति द्वारा प्रताड़ित कर घर से निकाल दिया गया है। अब वे दो वक्त की रोटी के लिये दर-दर की ठोकर खाने को विवश हैं। नारी प्रताड़ना से जुड़े अधिकतर मामले दहेज व सौतन की फेर में होने वाली घरेलू हिंसा के हैं। मनचले पति को कोई सौतन भा गई और मारपीट, प्रताड़ना व कड़वी बोली का दौर शुरू हो जाता है।
रानीगंज प्रखंड के गुणवंती मील चौक की दुलारी देवी की शादी पंद्रह वर्ष पूर्व बौंसी थाना के चौकीदार शंभू शर्मा से तमघट्टी गांव में हुई थी। जिससे 6 वर्ष का एक लड़का है। पति द्वारा उसे साौतन की फेर में घर से निकाल दिया गया। आज वह मायके वालों व समाज का ताना सुन रही है। दुलारी ने न्याय के लिये महिला हेल्प लाइन का दरवाजा खटखटाया है। उसका मामला महिला हेल्प लाइन के वाद सं. 425/12 के तहत दर्ज है। वहीं रानीगंज थाना क्षेत्र के पहुंसरा गांव की चार संतान वाली बीबी गुलशन आरा को पति ने साली के चक्कर में घर से निकाल दिया है। बीबी गुलशन का विवाह पंद्रह वर्ष पूर्व फारबिसगंज के सैफगंज में हुआ था। उसने इसी सात फरवरी को अपने पति के विरुद्ध महिला हेल्प लाइन में लिखित आवेदन दिया है।
यही कहानी रानीगंज की रेणु देवी व मंजू देवी की है। उन्हें दहेज के लिए पति व उनके परिजनों द्वारा प्रताड़ित कर घर से निकाल दिया गया है।
लेकिन जोगबनी निवासी स्व. चंद्रिका प्रसाद श्रीवास्तव की पुत्री लीला देवी की कहानी अजीबोगरीब है। वे अररिया स्थित सरकारी अल्पावास गृह में रहकर अपने दिन गुजार रही हैं। लीला कहती हैं कि उनकी शादी नरपतगंज ब्लाक में सिंचाई विभाग में लिपिक पद पर स्थापित प्रेम शंकर प्रसाद से हुई थी। उन्होंने दो और विवाह कर लिया तथा उसे प्रताडि़त कर घर से निकाल दिया। बीमारी व देख रेख में कमी के कारण पहले उनके बेटों और फिर दो पुत्रियों की मौत हो गयी। लीला ने 9 फरवरी को डीएम के जनता दरबार में आवेदन दिया जहां से उसे महिला हेल्प भेज दिया गया है। अब वह महिला अल्प आवास गृह में रहकर अपने दिन गुजार रही है। ऐसी ही कहानी खैरूगंज के अब्दुल वहाब की पुत्री समीजा खातुन, आरएस के शिव कुमार गुप्ता की पत्‍‌नी सुनीता देवी सहित सैकड़ों महिलाओं की है जो अपने पति व ससुराल वालों की प्रताड़ना से सिसक सिसक जिंदगी गुजार रही है।
महिला हेल्प लाइन के प्रभारी परियोजना प्रबंधक रुपेश कुमार ने बताया कि महिला हेल्प लाइन द्वारा नोटिस के के माध्यम से दोनों पक्षों को बुलाकर सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास किया जाता है। लेकिन कई मामले ऐसे होते हैं जिनमें पक्षों के अड़ियल रवैये कारण न्यायालय में भेज दिया जाता है।

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