जोकीहाट (अररिया) : प्रखंड के दभड़ा पंचायत अंतर्गत दोमहना गांव के लोगों को आज भी सड़क व पुल के बिना आजादी से पहले वाली जिंदगी बसर करना पड़ रही है। चारों तरफ नदी-नाला से घिरा लगभग दो हजार की आबादी वाले गांव के लोग छह महीने पैदल व नाव के सहारे प्रखंड मुख्यालय आते हैं। हाईस्कूल की पढ़ाई गांव के विद्यार्थी बरसात के दिनों में वंचित रहते हैं। दोमोहना गांव से हड़वा चौक को जोड़ने वाली कच्ची सड़क पर आजादी के बाद से अब तक एक टोकरी मिट्टी भराई तक नही हुआ है। दोमोहना से ललुवाबाड़ी करीब चार किमी इस कच्ची सड़क पर ललुवाबाड़ी व फुलतोड़वा दो धार बहते हैं। ललुवाबाड़ी धार के निकट पूर्व केन्द्रीय मंत्री मो. तसलीमुद्दीन के प्रयास से तो पुल बन गया है लेकिन अभी भी एप्रोच पीचिंग कार्य अधूरा पड़ा है। दोमोहना गांव के अबु नसर, जफर, पंसस जन्नती खातुन, मो. जमाल आदि ने बताया कि बरसात के दिनों में ग्रामीण पूरे जोकीहाट क्षेत्र से अलग हो जाते हैं। ग्रामीणों ने जल्द सड़क व फुलतोड़वा धार पर पुल बनाने की मांग की है।
Monday, April 30, 2012
अब तक नहीं बनी दोमहना गांव की सड़क
जोकीहाट (अररिया) : प्रखंड के दभड़ा पंचायत अंतर्गत दोमहना गांव के लोगों को आज भी सड़क व पुल के बिना आजादी से पहले वाली जिंदगी बसर करना पड़ रही है। चारों तरफ नदी-नाला से घिरा लगभग दो हजार की आबादी वाले गांव के लोग छह महीने पैदल व नाव के सहारे प्रखंड मुख्यालय आते हैं। हाईस्कूल की पढ़ाई गांव के विद्यार्थी बरसात के दिनों में वंचित रहते हैं। दोमोहना गांव से हड़वा चौक को जोड़ने वाली कच्ची सड़क पर आजादी के बाद से अब तक एक टोकरी मिट्टी भराई तक नही हुआ है। दोमोहना से ललुवाबाड़ी करीब चार किमी इस कच्ची सड़क पर ललुवाबाड़ी व फुलतोड़वा दो धार बहते हैं। ललुवाबाड़ी धार के निकट पूर्व केन्द्रीय मंत्री मो. तसलीमुद्दीन के प्रयास से तो पुल बन गया है लेकिन अभी भी एप्रोच पीचिंग कार्य अधूरा पड़ा है। दोमोहना गांव के अबु नसर, जफर, पंसस जन्नती खातुन, मो. जमाल आदि ने बताया कि बरसात के दिनों में ग्रामीण पूरे जोकीहाट क्षेत्र से अलग हो जाते हैं। ग्रामीणों ने जल्द सड़क व फुलतोड़वा धार पर पुल बनाने की मांग की है।
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