Wednesday, May 2, 2012

मैं संविधान हूं, लाल किले से बोल रहा हूं..


अररिया : अररिया वासियों के लिए मजदूर दिवस की रात बेहद ही यादगार मानी जायेगी। दैनिक जागरण के तत्वावधान में मंगलवार की शाम स्थानीय उच्च विद्यालय मैदान में अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
देश के जाने-माने ओजकवि डा. अरिओम पवार ने जब अपनी कविता मैं भारत का संविधान हूं, लाल किले से बोल रहा हूं सुनाई तो उपस्थित हजारों की भीड़ ने ताली बजाकर उनका उत्साह और बढ़ा दिया।
डा.पवार ने अपनी इस सुप्रसिद्ध रचना के माध्यम से संसद में नित दिन होने वाले रगड़ों व झगड़ों की चर्चा की तथा उन्हें संविधान की मूल भावना की अवमानना करने वाला बताया।
मेरठ से आये इस ला प्रोफेसर की इस ओजपूर्ण रचना से पूरा दर्शक समुदाय सम्मोहित नजर आया। ऐसा लगा कि मेरठ की भूमि सचमुच रत्‍‌नगर्भा है और यह भी कि सन 1857 के संग्राम में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह का बिगुल मेरठ से ही क्योंकर फूंका गया था। उन्होंने दिल्ली पर चोट करते हुए कहा कि दिल्ली वाली कुर्सी के लिए लोग कुछ भी कर सकते हैं।
इस हास्य कवि सम्मेलन के मौके पर ही जिले के 10 साहित्यकारों को दैनिक जागरण की ओर से सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन शशिकांत यादव, स्थानीय कविरत्‍‌न हारुण रशीद गाफिल, डा. अशोक झा व अमित पांडेय ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर प्रमुख लोगों में प्रभारी एसडीओ अनिरुद्ध प्रसाद यादव, सीमांचल कंसट्रक्सन के अजय झा व समर सिंह, गोलछा उद्योग के मूलचंद गोलछा, अमबीआईटी फारबिसगंज के अमित कुमार दास, महिन्द्रा ट्रैक्ट्रर्स के दयानंद मंडल व अभिषेक नीरज, स्काटिस पब्लिक स्कूल के कुमार अनुप, नेहरू इंसटीच्यूट के मो. गालिब के अलावा मिलन चाय, बागमनी कंसट्रक्शन कंपनी के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

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