Saturday, May 5, 2012

दैनिक जागरण ने किया दस साहित्यसेवियों का सम्मानar


अररिया .जिसने गुजारी हो उम्र किनारों के आसपास, वह आज घिर गया है हजारों के आसपास। दैनिक जागरण द्वारा जिले के दस साहित्यकारों के सम्मान के बाद कविरत्न हारुण रसीद गाफिल का यह श़ेर काबिले गौर है। मंगलवार की रात आयोजित राष्ट्रीय हास्य कवि सम्मेलन के दौरान जिले के दस साहित्यसेवियों के सम्मान के बाद उन्होंने यह शेर खास तौर से जागरण की पहल के नाम पर पढ़ा। श्री गाफिल व अन्य लोगों ने कार्यक्रम को अभूतपूर्व बताया।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार भोला पंडित प्रणयी, अवकाश प्राप्त न्यायाधीश व कवि जुबैरुल हसन गाफिल, कथाकार कवि रहबान अली राकेश, साहित्यसेवी राज राघव, लेखक कर्नल अजीत दत्त, कथाकार रफी हैदर अंजुम, व अनवरी खातून को जागरण द्वारा बुके व स्मृति चिंह देकर सम्मानित किया गया। सम्मान के लिए चयनित वयोवृद्ध लेखक प्रो. कमला प्रसाद बेखबर कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाये, जबकि कथाकार बसंत कुमार राय की अनुपस्थिति में उनकी पत्‍‌नी श्रीमती आभा राय ने सम्मान ग्रहण किया।
वाग्वैचि˜य मंच के संस्थापक राज राघव ने कहा कि दैनिक जागरण की यह पहल प्रशंसनीय है। इससे जिले के साहित्य जगत को न केवल नयी ऊर्जा मिली, बल्कि जागरण जैसे बड़े अखबार ने अररिया का सम्मान बढ़ाया है। वहीं, कथाकार श्री अंजुम ने कहा कि यह पहल अभूतपूर्व रही। जागरण ने साहित्यजगत की प्रतिष्ठा बढ़ायी है।
कवि जुबैरुल हसन गाफिल ने सम्मान कार्यक्रम की भरपूर तारीफ की और कहा कि इससे नयी पीढ़ी में रचनाधर्मिता बढ़ेगी। रहबान अली राकेश व अनवरी खातून ने भी जागरण के प्रयास को अररिया की इज्जत बढ़ाने वाला तथा प्रशंसनीय बताया।

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