Wednesday, December 22, 2010

बटराहा गांव में पसरा मातमी सन्नाटा

अररिया/कुर्साकाटा : सीमावर्ती गांव बटराहा में घटना के सुबह से ही मातमी सन्नाटा पसर गया है। मृतक के परिजन जहां एक दूसरे की ओर टकटकी लगाये बैठे है वहीं ग्रामीण किसी अनजानी दहशत के माहौल में गम खाये हुये है।
आखिर क्या होगा उस मृतका फरहत की एक वर्षीय पुत्री मुस्कान व 5 वर्षीय आरजू का? क्या होगा सिंदुबाज, इंतखाव, फरहान, अरबाज एवं गुल फराज का जो अभी भी नाबोध ही हैं? यह सोच-सोच कर सबके सब परेशान है। न कोई किसी से पूछता है और न ही कुछ बोल रहा है। वहीं फरहत के पति मो. शगीर घायल अवस्था में अपने छोटे-छोटे बच्चों को निहार रहे है। जबकि शगीर के बड़े भाई मो. जब्वीर की मौत के बाद उनकी पत्‍ि‌न अपने बच्चों एवं बूढ़े श्वसुर व सास की ओर निहार रही है। सड़क से गुजरने वाले हरएक राहगीर सुनसान बने मकानों को थोड़ी देर तक निहार कर फिर चलते बनता है। जहां सोमवार की सुबह एक ही परिवारों के तीन सदस्यों को भून दिया गया। आसपास के लोग मृतक के परिजनों को ढांढ़स बांधने उनके घर जरूर पहुंचते है लेकिन मातमी सन्नाटा को देखकर खुद गमजदा होकर बैठ जाते है। न कहीं बच्चों का हो हल्ला और न ही बड़े-बूढ़ों का मजमा। सब अपने अपने दरवाजों पर बैठे शोकजदा शून्य की ओर निहार रहे हैं।

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