अररिया/कुर्साकाटा : बटराहा में ग्रामीणों के ऊपर हुई फायरिंग के दूसरे दिन कैंप पहुंचे 24 वीं बटालियन के कमांडेंट एकेसी सिंह ने पत्रकारों को बताया कि इस घटना के पीछे कहीं न कहीं एक साजिश की बू आ रही है। इस साजिश को अंजाम देने के पीछे तस्करी रोकने के लिए एसएसबी की सक्रियता प्रमुख कारण है। उन्होंने बताया कि जोगबनी सीमा से लेकर किशनगंज सीमा तक तस्करों का जाल बिछा हुआ है। ये नेपाल के रास्ते विदेशों में निर्मित हथियारों के अलावा इलेक्ट्रानिक सामान व सुपारी भारतीय क्षेत्र में खपाते है। वहीं भारतीय तस्कर खाद, अनाज एवं अन्य सामान नेपाल भेजते है। इस पर रोक लगाने की दिशा में कुछ समय से एसएसबी जवानों की सक्रियता बढ़ गयी है। जवानों की सक्रियता से तस्करों को माल खफाने में काफी कठिनाई होने लगी थी। इस समस्या को लेकर तस्करों द्वारा पूर्व में भी कई घटनाओं को अंजाम दिलाने का काम किया है।
उन्होंने बताया कि बड़े बड़े तस्कर सीमावर्ती गांवों में हजारों की संख्या में कुरियर बना रखे हैं और इसी के माध्यम से गांव वालों को जवानों के प्रति बहकाते रहते हैं।
कमांडेंट श्री सिंह ने बताया कि यदि ऐसा नहीं था तो घटना की सुबह जब उनके कैंप प्रभारी ने ग्रामीणों को दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई के आश्वासन के बाद भी कैंप में क्यों तोड़फोड़ मचायी गयी? उन्होंने बताया कि यदि उनके जवानों पर जानलेवा हमला व कैंप में अग्निकांड की घटना नहीं घटती तो वे कभी भी सीमा नहीं लांघते। श्री सिंह ने यह भी बताया कि यदि उनके जवान छेड़खानी का प्रयास किया था तो उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई के साथ विभागीय कार्रवाई भी की जाती। जैसा कि पूर्व में भी कई दोषी जवानों के विरूद्ध भी हुआ है। उन्होंने बताया कि उनके जवान भी अपने क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए अपनी भूमिका निभाते रहे है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना नहीं घटनी चाहिए ताकि उनके देश के दुश्मन इसका लाभ उठा सके।
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