अररिया : नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन तथा अररिया जिला बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक रहे हंसराज प्रसाद ने कहा कि 21 वर्ष की लंबी लड़ाई के बाद जिला को दर्जा दिलाने में सफलता मिली थी। वे कहते हैं कि मकर संक्रांति का दिन 14 जनवरी 1990 का दिन वाकई ऐतिहासिक है। श्री प्रसाद ने बताया कि वर्ष 1969 तक 21 वर्ष तक आंदोलन किया गया था। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में दर्जनों सामाजिक कार्यकत्र्ता, बुद्धिजीवी, वकील, व्यवसायी, पत्रकार व किसानों के साथ-साथ आम जनों का योगदान सराहनीय रहा। उन्होंने बताया कि आंदोलन को गति प्रदान करने के लिए अनुमंडल, प्रखंड, पंचायत स्तर पर आंदोलन की रूप रेखा तैयार की गयी थी। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में दर्जनों लोग पटना जाकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय, केदार पांडे, अब्दुल गफूर तथा डा. जगन्नाथ मिश्र जैसे वरिष्ठ नेताओं के समक्ष जिला बनाने का मांग रखा। उनके अनुसार जिला का दर्जा दिलाने में चक्का जाम, भूख हड़ताल, धरना, प्रदर्शन, जुलूस, मंत्रियों का घेराव, जेल भरो अभियान जैसे आंदोलन चलाये गये थे। उन्होंने बताया कि आंदोलन को देख कर आखिरकार डा. मिश्र ने 14 जनवरी 1990 को जिला की घोषणा कर डाली।
पर श्री प्रसाद इस बात से बेहद दुखी हैं कि जिला में महिला अंगीभूत कालेज, छात्रावास, जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट की स्थापना, अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति, तकनीकी कालेज स्थापित नहीं होने से विकास बाधित है। यह सरकारी उदासीनता को दर्शाता है।
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