अररिया : अमर कथा शिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु की पत्नी लतिका गुरुवार की सुबह चल बसी। वे 86 वर्ष की थीं और कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रही थीं।
लतिका के निधन की खबर मिलते ही हिंगना औराही स्थित रेणु जी के पैतृक आवास पर संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। रेणु की पहली पत्नी पद्मा का रो-रो कर बुरा हाल है। उनके विधायक (फारबिसगंज) पुत्र पद्मपराग राय वेणु फिलहाल मुख्यमंत्री की मां के श्राद्धकर्म को ले पटना में हैं। वहां से आने पर शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार गांव के ही पोखर के पास किया जाएगा।
लतिका फणीश्वरनाथ रेणु की दूसरी पत्नी थी और विगत डेढ़ साल से हिंगना औराही में ही रह रही थी। वे रेणु की प्रसिद्ध रचना मैला आंचल के अस्तित्व में आने के पीछे की प्रमुख शक्ति थी। उन्होंने मैला आंचल के प्रकाशन के लिए अपने गहने बेच कर रेणु की मदद की थी।
रेणु समाज सेवा संस्थान के सचिव व रेणु जी के छोटे पुत्र दक्षिणेश्वर ने बताया कि छोटी मां ने बाबूजी को मौत के जबड़ों से खींच लाया था। दरअसल देश की आजादी के संग्राम में रेणु जी ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। अग्रेजों के दमन में उनका शरीर बेहद कमजोर हो गया था। इसी ने उन्हें रोग शैया पर लिटा दिया। इलाज के लिए उन्हें पटना के अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। वहीं उनकी मुलाकात हजारीबाग की रहने वाली लतिका जी से हुई, जो वहां नर्स के रूप में कार्यरत थीं। उनकी बीमारी देख सबने उनके जीवन की आस त्याग दी थी, लेकिन लतिका की सेवा और बाद में प्रेम ने उन्हें नया जीवन दे दिया। रेणु व लतिका ने सन 1951 में विवाह कर लिया। इसके बाद रेणु जी ने दुनियां को मैला आंचल, परती परिकथा व तीसरी कसम जैसी अमर कृतियां दीं। श्री दक्षिणेश्वर के अनुसार लतिका जी हिंदी, बंगला व अंग्रेजी भाषा की जानकार थी।
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