Thursday, January 13, 2011
जिला का दर्जा दिलाने में कई लोगों ने निभाई थी भूमिका
अररिया : सन् 1857 के स्वाधीनता संग्राम के बाद 1875 में अररिया को अनुमंडल का दर्जा मिला था। लगभग 126 वर्षो के अंतराल के बाद अररिया को जिला बनाने की घोषणा हुई और 14 जनवरी 1990 को सफलता प्राप्त हुई। जिला का दर्जा दिलाने के लिए यहां पर कुछ बुद्धिजीवियों एवं राजनेताओं ने मिलकर जिला बनाओ संघर्ष समिति का गठन भी किया था। जिसका फल उन्हें मिला। इस पूरे प्रकरण में जिले के कई नामचीन हस्तियों ने अपनी भूमिका निभाई थी। अररिया को जिला बनाने के हेतु विख्यात साहित्यकार फणीश्वर नाथ रेणु ने भी आवाज बुलंद की थी। इसके अतिरिक्त पूर्व केंद्रीय मंत्री डुमरलाल बैठा, मो. तस्लीमुद्दीन, पूर्व मंत्री मोइदुर्रहमान, सरयुग मिश्रा, सत्यनारायण यादव, पूर्व विधायक श्री देव झा, मो. हलीमुद्दीन, मो. यासीन, मायानंद ठाकुर, शीतल प्रसाद गुप्ता, समाज सेवी लालचंद सहनी, रतनलाल गोयल, रघुनाथ राय, वसीकुर रहमान, रूद्रानंद मंडल, रामाधार द्विवेदी, वीरेन्द्र नाथ शरण, नसीरूद्दीन, लक्ष्मी, नारायण यादव, डा. एनके दास, घासी राम तपाड़िया, गौरी शंकर यादव, डा. आजम के अतिरिक्त संघर्ष समिति के संयोजक रहे अनिल कुमार बोस व सह संयोजक पूर्व चेयरमैन हंसराज प्रसाद को भी कभी भुलाया नहीं जा सकता है। जिन लोगों ने समिति के बैनर तले जिला की मांग को लेकर आंदोलन किया। लेकिन दुखद पहलू यह है कि जिला प्रशासन स्थापना दिवस समारोह में इन्हें आमंत्रित करना भी भूल जाती है। साथ ही आज तक इन लोगों को सम्मानित भी नहीं किया गया।
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