कुसियारगांव(अररिया) : एक तरह सरकार बाल श्रमिकों को मुक्ति दिलाने के लिए कमर कस रही है। जगह-जगह छापामारी कर दोषियों को जुर्माना या सलाखों के पीछे धकेलना शुरू कर दिया है और ऐसे बच्चों को स्कूल भेजने का कार्य कर दिया। उसके लिए खाना, कपड़ा की व्यवस्था किया है। बाल दिवस भी मनाया जाता है। इसका असर सदर अस्पताल अररिया में बेमानी साबित हो रहा है। यहां बच्चों से रोगियों को खाना दिलवाया जा रहा है। हालांकि अस्पताल में बड़े-बड़े अधिकारी भी पहुंचते पर किसी की नजर इस ओर नहीं जा रही है। इस संबंध में नाबालिक विजय कुमार साह अपना नाम बताते कहा कि आउट सोर्सिग वाला हमें रखा है। महीना भी देता, कमायेंगे नहीं तो परिवार का कैसे भरण पोषण होगा।
वहीं अस्पताल प्रबंधक विकास कुमार से पूछे जाने पर बताया कि यह तो गलत है पर नाबालिक अपने मां के जगह काम करता है। इसका मां कुछ दिनों से बीमार चल रही है। जो खाना बनाया करती थी। वहीं खाना प्राप्त करने वालों में पिंकी देवी पैकटोला, शाहिन बोची, फरजाना दियागंज, बीबी मजहबी आरएस आदि दर्जनों अस्पताल में इलारत लोगों ने बताया कि यह बच्चा द्वारा खाना देता। इसलिए हमलोग चुप रहते है। खाना में चार चोटी कुत्ता के कान जैसा, सब्जी में एक दो आलू का फांक, जिसमें पानी अधिक मात्रा में होता है। जो खाया भी नहीं जाता है। इस बच्चा को कहने पर कहता कि मालिक जो हमें देगा बांटने के लिए हम वही न देंगे।
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