Wednesday, December 15, 2010

डेहटी पैक्स घोटाले में डूब गये 10 हजार गरीबों के आशियाने

अररिया, संसू: जिले के बहुचर्चित डेहटी पैक्स घोटाले में शामिल लोगों के नाम तो अब धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं। दोषी लोगों पर कार्रवाई की तलवार भी चल रही है, लेकिन इस लूट में जिन गरीबों की हकमारी हुई है, उसे अब तक कुछ भी हासिल नहीं हो पाया है। डेहटी पैक्स मामले में अब तक प्रशासन को मिले ठोस सबूत के मुताबिक करीब 27 करोड़ राशि का घोटाला हुआ है। हालांकि सूत्रों पर यकीन करें तो यह घोटाला और भी बड़ा है। यदि प्रशासन के आंकड़े को ही सही मान लिया जाय तो इससे करीब 10 हजार गरीबों को आसियाना मुहैया कराया जा सकता था। लेकिन आज उन लाभुकों की दशा की ओर किसी का ध्यान नहीं है।
पटना निगरानी की विशेष अदालत द्वारा जारी वारंट के बाद डेहटी पैक्स एक बार फिर चर्चा में आ गया है। सरकार इस मामले पर काफी सख्ती दिखा रही है। अब तक के सरकारी रिपोर्ट के अनुसार 26 करोड़ से ज्यादा की राशि डेहटी पैक्स में जमा कराये गये थे। उक्त सभी राशि सिर्फ इंदिरा आवास निर्माण व अपग्रेडेशन मद की थी। घोटाला उजागर होने के बाद सरकार ने तीन सदस्यीय टीम भेजकर जांच शुरू करायी। इसके बाद अब तक हुई कार्रवाई में आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों व सरकारी कर्मियों पर गाज गिर चुकी है। निगरानी की जांच के बाद घोटाले में शामिल जिले के करीब आधा दर्जन से अधिक ह्वाइट कालर वालों के नाम भी सामने आये हैं। लेकिन विडंबना यह है कि तकरीबन 10 हजार 400 परिवार की चिंता किसी को नहीं है। जिस वक्त उक्त पैसा पैक्स में जमा हुआ था, उस समय बीपीएल लाभार्थियों को इंदिरा आवास निर्माण मद में 25 हजार रूपये मिला करते थे। अगर उन पैसों का सदुपयोग हो गया होता तो आज दस हजार से अधिक गरीबों के सर के उपर एक छत होता। लेकिन उन पैसों से चंद अमीरों ने खूब गुलछर्रे उड़ाये। कई ने अपनी राजनीतिक हैसियत बढ़ाई तो कई ने लग्जरी गाड़ियों की लाईन लगा दी। दैनिक जागरण ने बार-बार इस घोटाले में सफेदपोशों की भूमिका की ओर इंगित किया था। निगरानी की विशेष अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट से इस बात की पुष्टि भी हो गयी है।
सरकार द्वारा देय राशि पर गौर करें तो सिर्फ पलासी व सिकटी में 8 हजार से अधिक लोगों के इंदिरा आवास की राशि पैक्स में जमा कराई गयी थी। जबकि अररिया व जोकीहाट के तकरीबन 900 लाभार्थियों का चेक पैक्स में जमा है। कुल मिलाकर दस हजार से अधिक गरीब आज एक अदद घर से वंचित रह गये।
लेकिन उन गरीबों के प्रति आज कोई संवेदना भी व्यक्त नहीं कर रहा है।
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डेहटी पैक्स घोटाला: शोएब कहीं फरार वारंटी तो नहीं?
अररिया, संसू:
डेहटी पैक्स घोटाला की किताब में नित नये नये पन्ने जुड़ते नजर आ रहे हैं। निगरानी की विशेष अदालत द्वारा सोमवार को दस लोगों के विरूद्ध जारी किये गये गिरफ्तारी वारंट की सूची में एक नाम शोएब आलम का भी है। कहीं यह वहीं शोएब तो नहीं है जो टेढ़ागाछ में पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था।
ज्ञात हो कि 7 जनवरी 09 के किशनगंज जिले के टेढागाछ प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय फाड़ाबाड़ी में डेहटी पैक्स से जुड़े दस्तावेज तैयार किये जा रहे थे। टेढ़ागाछ पुलिस को सूचना मिलते ही पुलिस ने छापामार कर दस्तावेज सहित तीन लोगों को दबोचा था। जिसमें अली हसन, विद्यानंद झा, राजकुमार विश्वास शामिल थे। जबकि दो नाम पुलिस ने मुमताज एवं शोएब बताया था। मवि में 1.18 करोड़ के गबन से संबंधित दस्तावेज तैयार किये जा रहे थे। बताया जाता है कि वह फरार होने वाला शोएब एवं वारंटी शोएब दोनों एक ही व्यक्ति हैं।
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डेहटी पैक्स के आरोपी दूसरे जिले में हैं पदस्थापित
अररिया, संसू:
जिले का बहु चर्चित डेहटी पैक्स घोटाला अब दूसरे जिले तक पहुंचने वाली है। पैक्स घोटाले के एक आरोपी सुपौल में कार्यरत हैं। इसका राज ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव ने जून माह में जांच के दौरान खोला था। दस नाजिर व सहायकों के आलवा भी कई सहायक इस लपेटे में आ रहे हैं। जून 10 को संयुक्त सचिव ने चार मुलाजिमों के नाम उजागर किये थे। जिसमें सिकटी के तत्कालीन नाजीर राम विलास राम, तत्कालीन प्रधान सहायक नवीन कुमार मंडल, तत्कालीन सहायक उर्दू अनुवादक व नाजिर असगर आलम, तत्कालीन प्रधान सहायक परमानंद ऋषिदेव के नाम शामिल हैं। इनमें से राम विलास राम सुपौल जिले में पदस्थापित हैं। जिस पर कार्रवाई करने के लिए अररिया के डीएम ने सुपौल डीएम को पत्र लिखा है। ज्ञात हो कि डेहटी पैक्स घोटाले में छह बीडीओ, प्रखंडों के नौ सहायक व नाजीर, डीआरडीए के प्रधान सहायक, लेखापाल समेत कई कर्मी सस्पेंड हो चुके हैं।

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