फारबिसगंज(अररिया),हप्र: भाषा के सदस्यों ने आगामी 03 अप्रैल को पटना में मुख्यमंत्री से मिलकर सीधी तौर पर अपनी फरियाद रखने का सर्वसम्मत निर्णय लिया है। रविवार को आयोजित बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ के एक दिवसीय सम्मेलन में सदस्यों ने यह निर्णय लिया है।
सम्मेलन में सरकारी चिकित्सकों ने अपनी विभिन्न लंबित मांगों पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि उनके समक्ष जो सर्वाधिक विकट समस्या है वह सरकारी चिकित्सकों के कार्यकलाप में बेवजह प्रशासनिक हस्तक्षेप का है। जो कि ना सिर्फ स्वास्थ्य सेवा के कार्य को प्रभावित करते हैं बल्कि इससे चिकित्सकों को मनोबल भी भंग होता है। संघ के प्रदेश कार्यकारिणी की उपस्थिति में सदस्य चिकित्सकों ने एक के बाद एक प्रशासनिक हस्तक्षेप का जिक्र करते हुए बयान किया कि किस तरह उनकी उपलब्धियों को श्रेय प्रशासनिक पदाधिकारी लेते हैं और उन्हें प्रताड़ित करते हैं।
देर शाम सम्मेलन के समापन के पश्चात भाषा के प्रदेश अध्यक्ष डा. नारायण पंडित, प्रवक्ता डा. अजीत कुमार एवं प्रदेश संयोजक डा. अजय कुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि प्रशासनिक हस्तक्षेप के मुद्दे को लेकर संघ ने निर्णय लिया है कि आगामी 03 अप्रैल को प्रखंड, जिला एवं प्रमंडल स्तर के सभी चिकित्सक पटना पहुंचकर व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के समक्ष रहेंगे। कहा कि चिकित्सक उन्हें बतायेंगे कि जरूरत से अधिक हस्तक्षेप से स्वास्थ्य सेवा के कार्य तो प्रभावित होता ही है साथ ही यह परंपरा जनहित में भी खतरनाक साबित हो रहा है।
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