अररिया, संसू: करीब आठ माह बाद कटिहार कारा से अररिया के कैदी अपना घर कारा लौट गये। कैदियों के लौटते ही मंडल कारा के कर्मियों की सक्रियता बढ़ गयी। वहीं मुलाकातियों की भीड़ से जेल रोड सजने लगा है। दिन के बारह बजे से संध्या के साढ़े सात बजे तक जेल जाने एवं निकलने वाले कैदियों के परिजनों की चहल कदमी लगातार रहने लगा है।
भूमि विवाद, मारपीट एवं गबन के कई आरोपी कैदियों के मुलाकातियों का कहना है कि वे अब चैन की सांस ली है। अपने परिजनों से मिलने आठ माह तक लगातार कटिहार जाना पड़ा। इस दौरान दो दिन समय के आलवा अनावश्यक खर्च का वहन भी करना पड़ता था। वहीं जेल कर्मियों ने भी अब राहत महसूस करने लगे हैं। जेल कर्मियों का मानना है कि अब परेशानी कम हो गयी।
इधर सूत्रों की माने तो पूर्व की तरह जेल में कैदियों एवं उनके परिजनों से अवैध उगाही का धंधा फिर से चालू हो गया है। कैदियों से समुचित स्थान के लिए तो परिजनों से मुलाकात करवाने के नाम पर। हालांकि जेल प्रशासन अवैध उगाही से इंकार करते हैं लेकिन इस धंधे का पर्दाफाश पूर्व में भी कई बार हो चुका है। अवैध उगाही को लेकर पूर्व में कैदियों के दो गुटों में झड़प की घटना भी घट चुकी है।
ज्ञात हो कि गत अप्रैल के चक्रवाती तूफान से गिरे जेल की चहार दिवारी के बाद कैदियों को कटिहार कारा स्थानांतरित कर दिया गया था। चहार दिवारी मरम्मत हो जाने के बाद भी कैदियों को अररिया स्थानांतरित करने में आठ माह लग गये। इस दौरान दैनिक जागरण ने कैदियों के परिजनों एवं जेल कर्मियों की बीच हो रही परेशानी की समस्याओं को लगातार प्रकाशित की थी। गत पांच दिन पूर्व जब जागरण ने प्रमुखता से इस बात को उठायी तो दूसरे दिन ही कैदी अररिया वापस लौट गये।
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