Saturday, December 18, 2010

अब्दुल रहीम खानखाना की जयंती पर काव्य संध्या

फारबिसगंज(अररिया),हप्र: सांप्रदायिक सद्भाव के महान कवि अब्दुल रहीम खानखाना की जयंती इंद्रधनुष साहित्य परिषद के तत्वावधान में शुक्रवार की शाम काव्य संध्या आयोजित कर की गयी। बुद्धिजीवी विचार मंच कार्यालय में आश्रम में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर्नल अजीत दत्त ने की।
क्षेत्र में परिचित साहित्यकार डा. मोतीलाल शर्मा, डा. जगदीश लाल मंडल, उमाकांत दास, जनार्दन दास पारखी, डा. अनुज प्रभात, हेमंत यादव शशि ने काव्य संध्या के मौके पर रहीम रचित कविताओं के साथ स्व रचित कविताओं का पाठ कर सुधि श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। उनके द्वारा प्रस्तुत कविताओं का भी साहित्यकारों ने काफी सराहना की। वहीं कर्नल दत्त एवं कार्यक्रम के संयोजक विनोद कुमार तिवारी ने रहीम की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महाकवि रहीम संत तुलसीदास के समकालीन एवं प्रशंसक भी थे।
कर्नल दत्त ने कहा कि रहीम वेद, पुराण रामायण एवं महाभारत के भारतीय संस्कृति के पुजारी थे। खासकर अकबर कालीन युग में रहीम की काव्य साधना उनका व्यक्तित्व और सांस्कृतिक एवं सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देना भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय रखता है। मौके श्रीवास सिंह, कृष्णानंद सिंह, प्रो. हरि लाल साह, मो. तसद्दुक, मनोज तिवारी, संजीव दास आदि उपस्थित थे।

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