अररिया, निसं: इंदिरा आवास घोटाला के मामले में जिला पदाधिकारी के निर्देश पर दर्ज करायी गयी थाना कांड संख्या 76/10 अब सुरसा की तरह मुंह फैलाने की तैयारी कर रही है। इस कांड का अनुसंधान ज्यों-ज्यों आगे बढ़ने लगी है त्यों-त्यों घपले-घोटाले में शामिल लोगों का नाम उजागर होने लगा है। ऐसे लोगों का नाम पुलिस इस मामले में समेटने की तैयारी कर रही है।
इधर इस कांड में नामित दो दर्जन से अधिक ऐसे आरोपी जो न्यायालय से अग्रिम जमानत पर रिहा है उन पर तलवार लटकने लगी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार अनुसंधान के क्रम में अग्रिम जमानत पर रिहा होने वाले आरोपियों के विरूद्ध लगे आरोपों की पुष्टि हो रही है। ऐसी परिस्थिति में न्यायालय भी इन आरोपियों का पुन: कटघरे में खड़ा सकती है।
वहीं पुलिस कांड में दर्ज तमाम नामित आरोपियों का नाम पता से लेकर उनके लाभुकों से संबंध के बारे में फाइलें खंगालना शुरू कर दिया है। इसमें थाना पुलिस प्रखंड विकास पदाधिकारी से भी मदद लेना शुरू कर दिया है। अररिया के बीडीओ नागेन्द्र पासवान अपने पंचायत सचिवों को आवश्यक दिशा निर्देश देकर पुलिस को मदद का निर्देश दिया। बताया जा रहा है कि इस मामले में कई बैंक कर्मियों पर गाज गिर सकती है। जो लाभुकों के बदले बिचौलियों को एक मुस्त राशि उपलब्ध करा दी। फिर बिचौलिये लाभुकों की राशि में मनमर्जी रकम काटकर शेष राशि उन्हें लौटा दी। इस दौरान पंचायत सचिवों के माध्यम से पुलिस वैसे सक्रिय दलालों को चिह्नित कर रही है जो कभी गवाही के नाम पर तो कभी सूची चयन के नाम पर लाभुकों को झांसा देकर दलाली का काम कर रही है।
ज्ञात हो कि थाना कांड संख्या 76/10 उस समय दर्ज की गयी जब प्रतिदिन दर्जनों लाभुकों की शिकायत जिला मुख्यालय पहुंचने लगी। लगातार मिली शिकायतों के बाद जिला पदाधिकारी में एक जांच कमेटी गठित कर कई पंचायत का जांच करायी। जांच के क्रम में सैकड़ों लाभुकों ने पंचायत में बिचौलियों का राज होने की शिकायत की थी।
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