Saturday, December 18, 2010

लक्ष्य से 31 हजार पीछे है अररिया जिला

अररिया, संसू: हमने सोचा था कि जिंदगी सवर जायेगी, पर क्या मालूम था कि किस्मत ही दगा दे जायेगी। ये पंक्तियां अररिया जिले के वैसे गरीब लोगों पर सटीक बैठती है जिन्हें आज तक इंदिरा आवास का लाभ नहीं मिला। एक तरफ बहुचर्चित डेहटी पैक्स घोटाले में दस हजार से अधिक लोगों के आशियाने की राशि डूब गयी है। वहीं दूसरी ओर सरकार के कड़े निर्देशों के बावजूद चालू वित्तीय वर्ष में लक्ष्य के अनुरूप इंदिरा आवास स्वीकृत नहीं किये गये है। वित्तीय वर्ष 2010-11 के नौ माह बीतने को है लेकिन अभी भी जिले के 31 हजार से अधिक परिवारों के सर पर छत डालने की स्वीकृति नहीं मिल पायी है। हालांकि यह रिपोर्ट नवंबर माह तक की ही है। लेकिन इसमें कोई खास इजाफा होता नहीं दिख रहा है।
सरकारी कागजों में तो प्राय: सभी प्रखंड में लक्ष्य के विरूद्ध 60 फीसदी आवास स्वीकृत होने की बातें कही जा रही है। लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती है। इंदिरा आवास निर्माण की जांच डीएम एम सरवणन ने जब करायी तो आम लोगों तक इसकी सही जानकारी सामने आने लगी। डीएम द्वारा कराये गये जांच के बाद पूरे जिले में करीब 100 प्राथमिकी दर्ज की गयी और अब तक दर्जन भर मुखिया व दलाल सलाखों के पीछे हवा खा रहे है। इसके अलावा आवास मद का ही आठ करोड़ की राशि के मामले में डीएम ने एक तत्कालीन डीएम, तत्कालीन डीडीसी, सहायक अभियंता आदि पर भी प्राथमिकी दर्ज करवायी। लेकिन इसके बावजूद इंदिरा आवास में बरती जा रही अनियमितता में कोई कमी नहीं हो रही है।
नवंबर माह तक की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 78133 व्यक्तियों को आवास मिलना चाहिए पर अब तक 47052 लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र दिया जा चुका है। अररिया प्रखंड में 9626 के विरूद्ध 5770 स्वीकृत कर दिये गये। जबकि जोकीहाट में 2801 में 1735 पलासी में 4836 में 2902, सिकटी 4073 में 2450, कुर्साकाटा 3403 में 2042, रानीगंज 18122 में 10875, फारबिसगंज 13905 में 8443, नरपतगंज 13677 में 8225 एवं भरगामा 7690 में 4610 आवास स्वीकृत किये गये है। पर दिलचस्प बात तो यह है कि अब तक मात्र 5876 आवास ही पूर्ण हो पाये है। जो कि लक्ष्य के विरूद्ध मात्र नौ फीसदी उपलब्धि है। आवास निर्माण में अनियमितता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि डीआरडीए शासी निकाय की बैठक में डीआरडीए निदेशक ने स्वीकार किया कि डीआरडीए में लाभुकों को सूची उपलब्ध नहीं है। कुल मिलाकर पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधि इस योजना पर कुंडली मार कर बैठे है और गरीबों के छत होने का सपना साकार नहीं होने देना चाह रहे है। जिला परिषद अध्यक्ष शगुफ्ता अजीम कहती है कि इंदिरा आवास की रिपोर्ट महज एक दिखावा है। जमीनी स्तर पर मानीटरिंग के अभाव में लूट खसोट किया जा रहा है। जबकि डीआरडीए निदेशक जफर रकीब ने इस संबंध में बताया कि सभी बीडीओ को लक्ष्य के अनुरूप आवास स्वीकृत करने तथा जिला स्थापना दिवस के मौके पर प्रत्येक प्रखंड में दो सौ आवास पूर्ण करने का आदेश दिया गया है।

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