Wednesday, December 15, 2010

स्पोर्टस अकाडमी के गठन को लेकर बैठक

अररिया, संवाद सहयोगी: अररिया में पिछले एक दशक से फुटबाल के प्रति लोगों का आकर्षण कम हुआ है। वहीं युवा वर्ग व छात्रों में फुटबाल को लेकर मानों दिलचस्पी समाप्त हो गयी है। जबकि विलुप्त सा होता जा रहा फुटबाल को लेकर अररिया न केवल बिहार बल्कि भारत में अपनी पहचान बना चुका है। लेकिन आज क्रिकेट के ग्लैमर से मानों कुछ दिनों बाद नयी पीढ़ी शायद फुटबाल को बिल्कुल भूल जायेगी। इसी फुटबाल ही नहीं बल्कि हर प्रकार के वैसे खेल जो विलुप्त होते जा रहे है उसे पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है। इस संबंध में मंगलवार की रात एक होटल में अररिया के युवाओं, छात्रों और खेल प्रेमियों की बैठक आयोजित की गयी। इसकी अध्यक्षता प्रो. रकीब अहमद ने की। इस मौके पर युवा खिलाड़ी अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के बैडमिंटन चैम्पियन रहे नौशाद आलम ने बताया कि अररिया का खोया हुआ गौरव फिर से प्राप्त किया जा सकता है। खासकर उन्होंने फुटबाल के संबंध में कहा कि यह अररिया का सबसे लोकप्रिय खेल हुआ करता था। लेकिन आज यह बिल्कुल दम तोड़ चुका है। बैठक में सर्वसम्मति से फुटबाल को पुनर्जीवित करने, युवाओं व छात्रों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से अररिया स्पोर्टस एकेडमी का गठन किया गया है। साथ ही पुराने फुटबाल खिलाड़ियों से संपर्क कर इसकी कार्य योजना और रणनीति दस दिनों के अंदर बनाने की बात कही गयी। इसके लिए 25 दिसंबर को पुन: एक बैठक बुलायी गयी है। बैठक में पूर्व फुटबाल खिलाड़ी अब्दुल मन्नान, इरशाद आलम, अब्दुल गफ्फार, मो. नसीम के अलावा रजी हैदर, सदरे आलम, परवेज आलम, कमर मासूम समेत दर्जनों युवा, छात्र व खेल प्रेमी मौजूद थे।

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