Wednesday, December 15, 2010
अबतक नहीं बदल सकी कुआड़ी हाट की तस्वीर
कुर्साकाटा(अररिया),निप्र: जिले के कुर्साकाटा प्रखंड के कुआड़ी हाट 63 वर्ष बाद भी अपने भाग्य पर आंसू बहा रहा है। सुशासन में भी इस हाट की तस्वीर नहीं बदली। इस हाट की स्थिति काफी दयनीय है। जबकि इस कुआड़ी हाट से सरकार को लाखों रूपये का राजस्व मिल रहा है। हाट में कुड़ों का अंबार, जलजमाव, सड़े गले वस्तुओं का दुर्गध व हाट की जमीन अतिक्रमण का शिकार हो चुका है। दुकानदारों, साग सब्जी बेचने वालों को बैठने तक की जगह नहीं मिल पा रही है। कई दुकानदार तो बिहार सरकार की पक्की सड़क पर अपनी दुकान लगाकर दुकानदारी कर रहे है। जिससे हाट के दिन आवागमन में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि ब्रिटिश काल से जमींदारी प्रथा की समाप्ति के कुछ वर्ष बाद तक दो झाड़ूदार हाट की सफाई के लिए रहा करते थे जो प्रत्येक शुक्रवार और सोमवार को हाट के दिन सुबह से ही सफाई कार्य में लग जाते थे। यह कुआड़ी हाट आज अपने भाग्य पर आंसू बहा रहा है। कई बुद्धिजीवियों ने बताया कि हाट की सफाई कार्य शुरू से ही ठीकेदार के जिम्मे रहा है। जहां तक रखरखाव, अतिक्रमण का मामला है, सरकार देखेगी। जब इस संबंध में जागरण ने अंचलाधिकारी कुर्साकाटा से जानना चाहा तो उन्होंने कहा मैं इसे देख रहा हूं।
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