फारबिसगंज(अररिया),निप्र: मौसम के मिजाज के साथ ही बाजारों में ऊनी कपड़ों की मांग बढ़ने लगी है। ठंड के ठिठुरन ने दुकानदार के लिए राहत पहुंचना का कार्य शुरू हो गया। फारबिसगंज के विभिन्न ऊनी वस्त्र विक्रेताओं के दुकानों पर ग्राहकों की आवाजाही रंग पकड़ने लगा है। एक से बढ़कर डिजाइन वाले ऊनी परिधान, स्वेटर, टोपी आदि ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। हालांकि ठंड ने अपना यौवन अब तक प्राप्त नहीं किया है। बावजूद इसके बाजार ऊनी वस्त्रों से सजने लगा है। बाजारों में लेदर से लेकर वेलवेर कपड़ों का एक से एक जैकेट दुकानों की शोभा बढ़ा रही है। दुकानदारों की माने तो पिछले वर्ष की तुलना में ऊनी वस्त्रों के मूल्यों में कोई खास बढोतरी नहीं हुई है। वहीं बाजारों में कई नये किस्मों के ऊनी चादर, स्वेटर आदि की भ्ीा प्रवेश हुई है। ठंड में वृद्धि के साथ इन वस्त्रों की कीमत थोड़ा उतार-चढ़ाव हो सकता है। ठंड जितनी अधिक बढ़ेगी ऊन का बाजार उतना ही गर्म होगा। चूंकि यह मौसमी बाजार है। इसलिए इसमें दुकानदारों को जोखिम ज्यादा उठाना पड़ता है। बाजवूद इसके ऊनी वस्त्रों की डिमांड के अनुरूप बाजारों में इसकी उपलब्धता बनी रहती है। बताया जाता है कि पिछले कई वर्षो से चाइनिज ऊन, वस्त्रों जैकेटों आदि का सीमांचल बाजार में प्रचलन बढ़ा है। सस्ता होने के कारण यह ग्राहकों को आकर्षित करने में भारतीय ऊनी वस्त्रों की अपेक्षा में ज्यादा कारगर हो रहा है। जिससे लोगों को किफायती वस्त्र तो मिल जाता है किंतु इससे राजस्व की भारी क्षति भी हो रही हैI
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