Sunday, December 12, 2010

जन शिकायत निबटाने में अधिकारी उदासीन, डीएसई सबसे आगे

अररिया, संसू: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक तरफ जहां अपने से जनता दरबार लगाकर राज्य भर के लोगों की समस्या सुनते हैं वहीं अधिकारियों को भी प्रखंड, अनुमंडल एवं जिला स्तर पर जनता दरबार आयेजित कर शिकायत निबटाने का निर्देश देते हैं। लेकिन जिला में अधिकारीगण जनता दरबार लगाना तो दूर खुद उनके द्वारा भेजे गये परिवाद पत्रों का निबटारा भी नहीं कर रहे हैं। अररिया में एम. सरवणन ने डीका पदभार ग्रहण करते ही जनता दरबार को प्राथमिकता के तौर पर रखते हुए प्रत्येक गुरूवार को लोगों की शिकायतें सुनने लगे। उनके द्वारा कुछ मामलों का ऑन द स्पॉट निष्पादन करने के बाद शिकायतकत्र्ताओं का विश्वास बढ़ता गया। पर जनता दरबार में प्राप्त आवेदनों को डीएम के द्वारा संबंधित कार्यालय में भेजा जाता है तो उस कार्यालय के अधिकारी न कर्मी उस पर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझते हैं। सिर्फ जिला स्तर के कार्यालयों में 15 सौ से अधिक शिकायती परिवाद लंबित हैं। ये संख्या कागजों में रजिस्टर्ड है। बिना लेखा-जोखा का शिकायतों की भरमार है। इसमें पूर्णिया प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय से प्राप्त 229, 2009 में सीएम विकास यात्रा का 142, मुख्यमंत्री सचिवालय से प्राप्त 688 व डीएम के जनता दरबार से प्राप्त 444 परिवार लंबित हैं। जिला जन शिकायत कोषांग से मिली जानकारी के अनुसार जनता की शिकायत को लंबित रखने में जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय अव्वल स्थान पर है। अपर समाहर्ता, जिला कल्याण पदाधिकारी, सामाजिक सुरक्षा कोषांग, नरपतगंज बीडीओ व सीओ फारबिसगंज व अररिया एसडीओ, बीडीओ फारबिसगंज के पास शिकायतों की लंबी कतार है। लेकिन निबटाने में काफी सुस्ती है। जन शिकायत कोषांग के अनुसार यह आंकड़ा सिर्फ 19 अगस्त तक के प्रेषण का है।

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