भरगामा(अररिया),जासं: पिछले कई वर्षो से प्राकृतिक आपदाओं का दंश झेल रहे प्रखंड क्षेत्र के किसान इस बार सिंचाई को ले संशय की स्थिति में हैं। एक तरफ आसमान छू रहे खाद-बीज के दाम, तो दूसरी तरफ सिंचाई की समस्या से खेतिहर किसान धीरे-धीरे खेत से विमुख से होने लगे हैं। कोसी त्रासदी के दौरान प्रखंड की नहर प्रणाली भी लगभग ध्वस्त हो गयी। इस बार इंद्र देवता नाराज हो गये और बारिस नहीं हुई जिससे प्रमुख फसल धान मारी चली गई और किसानों की कमर ही टूट गई। ब्रह्मादेव यादव, तारणी यादव, जयंत कुमार, अरविंद यादव, राजीव कुमार आदि किसान बताते हैं कि सिंचाई के नाम पर सरकार द्वारा विभिन्न फसलों पर डीजल व अन्य अनुदान का वितरण भी किया गया। किंतु यह अनुदान वास्तविक लाभुकों की अपेक्षा क्षेत्र के बिचौलियों के लिए ज्यादा लाभकारी सिद्ध हुआ। सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना भी आखिरकार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी।
किसान बताते हैं कि जैसे तैसे खेतों को तो जोत-आबाद कर लिया किंतु अब सिंचाई के अभाव में रब्बी फसल पर भी संकट के बादल छा गये हैं। फलस्वरूप आर्थिक रूप से टूट चुके कई किसान महंगी साबित हो रही खेती से धीरे-धीरे विमुख से हो रहे हैं।
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