Monday, December 13, 2010

डेढ़ करोड़ खर्च के बावजूद रोशन नहीं हो सका अररिया

अररिया,निसं: नगर परिषद के विभिन्न वार्डो को तेज दूधिया प्रकाश से रोशन करने का सपना चकनाचूर हो गया। विगत पांच वर्षो के दौरान नप क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट, वेपर लाइट एवं हाई मास्टलाइट लगाने की विभिन्न योजनाओं में डेढ़ करोड़ की राशि खर्च की गयी। लेकिन इसके बावजूद रोशनी नहीं मिल सकी। वर्ष 2006-07 में नगर परिषद द्वारा 22 लाख की लागत से मार्ग एवं स्ट्रीट लाइट लगाये गये थे। लेकिन किसी पोल से प्रकाश नहीं मिल पाया। अब तो खंभक भी टूट कर गिरने लगने लगे हैं। इसके बाद वर्ष 2008-09 में 16 लाख की लागत से शहर के प्रत्येक वार्ड में 10 से 15 वेपर लाइट लगायी गयी। लेकिन कथित रूप से कमीशन खोरी के कारण यह योजना भी फ्लाप साबित हुई। जानकारों की मानें तो उपयुक्त वेपर लाइटों में सीएफएल बल्ब की जगह घटिया माल लगाया गया था। नतीजा हुआ कि वे कहीं एक घंटे जली तो कही रोड शो बनकर रह गयी। इतना जरूर हुआ कि इन वेपरों की मरम्मत के नाम पर नप ने लाखों की राशि आवंटित कर दी।
इसके बाद शहर के सोलह स्थानों पर हाई मास्ट लाईट लगाने की योजना स्वीकृत की गयी। कई जगहों पर खंभे तो गड़े लेकिन आज तक लाइट नहीं लग पाई। जब शहर के कई बुद्धिजीवियों ने जिला से लेकर प्रदेश स्तर तक शिकायतों की झड़ी लगाने लगी तो आनन-फानन में जिला प्रशासन ने अभिकत्र्ता के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करा दी। जबकि विभाग अभिकत्र्ता को करीब 65 लाख रूपये अग्रिम भुगतान भी कर चुकी है। अग्रिम भुगतान के एक वर्ष बीत जाने के बाद भी लाइट नहीं लगाया जा सका। चांदनी चौक एवं काली मंदिर चौक पर लगी हाई मास्ट लाइट का हाल यह है कि वह कभी भी रात को नहीं जल पायी हां उगते सूरज को रोशनी जरूर दिखायी गयी।
इधर, नगर परिषद क्षेत्र के चांदनी चौक, काली मंदिर चौक तक लगायी गयी स्ट्रीट लाइट का खंभा भी अब टूट कर गिरने लगा है। इन टूटे खंभों पर लाईट लगाने के लिए विभाग फिर एक बार लाखों खर्च करने की तैयारी कर रही है। वहीं सोलह लाख की लागत से वार्डो में लगायी गयी वेपर लाइट में हुई अनियमितता को लेकर संबंधित अभिकत्र्ता एवं पूर्व अध्यक्ष के विरूद्ध भी प्राथमिकी दर्ज करायी गयी। लेकिन शहर को दुधिया रोशनी उपलब्ध कराने का सपना आज भी पूरा नहीं हो सका।

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