अररिया, जागरण प्रतिनिधि: नवंबर माह में हुए विधान सभा चुनाव में निर्वाचित विधायकों के नागरिक अभिनंदन का सिलसिला लगातार जारी है। लेकिन जोरदार स्वागत के तले जन आकांक्षाओं का बोझ भी कम वजनी नहीं, खास कर तब जब सरकार ने विधायक निधि को खत्म करने का निर्णय ले लिया हो।
जोकीहाट के विधायक सरफराज आलम विधान सभा सत्र की समाप्ति के बाद जब अपने क्षेत्र में पहुंचे तो लोगों ने उनका जोरदार अभिनंदन किया। फिर सोमवार को अररिया में भी उनका नागरिक अभिनंदन किया गया। विधायक श्री आलम ने दोनों स्थानों पर विकास कार्यो को परवान चढ़ाने का वायदा किया।
वहीं, अररिया के विधायक जाकिर अनवर बैराग जब अपने क्षेत्र पहुंचे तो करियात बार्डर से ही समर्थकों ने उनके स्वागत की शुरूआत की। कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। वे स्वयं जगह जगह जाकर लोगों से मिले भी।
उधर, सोमवार को सिकटी के विधायक आनंदी प्रसाद यादव को पलासी में कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने सर आंखों पर रखा। इससे पहले कुर्साकाटा व सिकटी में भी उनका जोरदार स्वागत किया गया।
वहीं, आने वाले सप्ताहों में फारबिसगंज, रानीगंज व नरपतगंज के विधायकों के स्वागत का कार्यक्रम है।
विधायकों के स्वागत को ले अब तक के कार्यक्रमों में खासी भीड़ उमड़ी है। जाहिर है कि इस भीड़ के अधिकांश को अपने इलाके में विकास की उम्मीद है। वहीं, कई चेहरे ऐसे भी दिखे जो विकास कार्यो की आड़ में ठेकेदारी की आकांक्षा रखते हैं।
विगत सालों में जिले में राजनीतिक संरक्षण प्राप्त अभिकर्ता संस्कृति खूब पनपी है। विधायक व सांसद का कथित रूप से धौंस दिखा कर अभियंताओं से विकास कार्यो की पेटीदारी लेने वाले एक नहीं कई कमीशनखोर नेता(?) आपको जहां तहां दिख जायेंगे। नव निर्वाचित विधायकगण ओवरनाइट अमीर बनने की चाहत रखने वाले इन तत्वों से किस प्रकार निबटेंगे, यह देखने वाली बात होगी।
लेकिन नवंबर के चुनावों के बाद जो खास बात सामने आयी है, वह है आम आदमी की सहभागिता। मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री तथा अन्य नेताओं के जोरदार चुनाव अभियान ने जिस वंचित वर्ग या आम आदमी को जाग्रत करने में सफलता पायी, वह अब काम चाहता है। विधायकों का लिटमस टेस्ट यही तबका लेगा। काम करेंगे तो ठीक अन्यथा, पांच साल बाद फिर।
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